केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा, दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर अध्यादेश जारी

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। सरकार दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लेकर आई है। सरकार ने ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार केंद्र सरकार ने इस अध्यादेश के जरिए उप राज्यपाल को दिए हैं. दिल्ली भारत की राजधानी है, जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन है। ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के आधीन रहेगा। इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही अंदेशा जताया था। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में सवाल किया, “क्या केंद्र सरकार कोर्ट के आदेश को पलटने की साजिश कर रही है? क्या उपराज्यपाल साहब अध्यादेश का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए इसलिए फाइल साइन नहीं कर रहे?”

central government has come out with ordinance regarding matters relating  to transfer postings delhi cm fears prove true | Delhi: SC के फैसले के बाद  केंद्र का अध्यादेश, एलजी की पावर रिटर्नस |

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली :

दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार को देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किया है। दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग, विजिलेंस जैसे मामलों में फैसले के लिए स्थाई समिति बनाई गई। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए National Capital Civil Service Authority बनाई जाएगी। ये रिक्मेंडेशन उपराज्यपाल के पास भेजेंगे।

इस समिति में दिल्ली सीएम, दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के गृह सचिव शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ही समिति के अध्यक्ष होंगे, उपराज्यपाल को सिफारिश भेजने का फैसला बहुमत से होगा. मत-भिन्नता होने की स्थिति में उपराज्यपाल का फैसला अंतिम होगा।

दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि केंद्र सरकार जो अध्यादेश लाई है, ये सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की अवमानना है। मोदी सरकार, केजरीवाल सरकार को शक्ति देने के डर से ये अध्यादेश लाई है। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने चुना हो, 90% से ज्यादा सीट दी हो। लेकिन दिल्ली केजरीवाल नहीं चलाएंगे, केंद्र ही दिल्ली सरकार चलाएगी। भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करता हैं। दिल्ली की हर घटना का असर पूरे विश्व पर पड़ता है। इसलिए जरूरी था कि केन्द्र सरकार के माध्यम से दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चत हो, सुरक्षित हो।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ही बताया था बॉस

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कहा था कि सेवाओं के संबंध में दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं। दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा।

भाजपा ने किया केंद्र के अध्यादेश का स्वागत

उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के अधिकार को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने का भाजपा ने स्वागत किया है। उसका कहना है कि आम आदमी पार्टी के आचरण को देखते हुए यह अध्यादेश जरूरी था। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। यहां घटने वाली घटना भारत के साथ पूरे विश्व पर असर डालती है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनकी सरकार ने प्रशासकीय गरिमा को क्षति पहुंचाई है। इससे दिल्ली की छवि पर असर पड़ा है। इस सरकार के भ्रष्टाचार ने दिल्ली को काफी शर्मसार किया है। पिछले एक सप्ताह से केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था को बदनाम करने की कोशिश की। इस सरकार की मनमानी के कारण केंद्र सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा है। समाप्त, संतोष कुमार सिंह