31 मई तक सरकारी ज़मीन ख़ुद छोड़ने वालों के खि़लाफ़ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जायेगीः कुलदीप सिंह धालीवाल

10 जून तक 6000 एकड़ ज़मीन खाली करवाने का लक्ष्य


डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि सरकारी पंचायती ज़मीनों पर जिन लोगों ने नाजायज कब्ज़ा किया हुआ है, यदि वे 31 मई तक ख़ुद ज़मीन से अपना कब्ज़ा छोड़े देंगे तो उनके खि़लाफ़ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जायेगी। स्थानीय पंजाब भवन में एक प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही कह चुके हैं कि नाजायज कब्ज़ों से ज़मीनें को मुक्त करवाने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है और जिन रसूखवान लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर महँगी सरकारी ज़मीनों पर नाजायज कब्ज़े किये हैं, उनको बक्शा नहीं जायेगा।
धालीवाल ने कहा कि जो लोग 31 मई तक कब्ज़ा नहीं छोड़ेगे उनके खि़लाफ़ 1 जून से बनती कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। इस बात पर उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि कई लोगों ने सरकारी ज़मीनों पर 30-30 साल से कब्ज़ा किया हुआ है और ऐसे लोग यदि अभी भी मुख्यमंत्री की अपील के बाद कब्ज़े नहीं छोड़गें तो उनके खि़लाफ़ सख़्त कानूनी कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार मजबूर होगी।
उन्होंने बताया कि इस साल 10 जून तक 6000 एकड़ ज़मीन खाली करवाने का लक्ष्य है। धालीवाल ने कहा कि पिछले साल भी 9030 एकड़ ज़मीन कब्ज़ा मुक्त करवाई गई थी जिसकी औसतन बाजारी कीमत 2709 करोड़ रुपए के करीब बनती है। उन्होंने कहा कि जालंधर उप चुनाव होने के कारण अभी 4-5 दिन पहले ही यह मुहिम शुरू की गई है और इसके अंतर्गत अब तक 189 एकड़ ज़मीन का कब्ज़ा ख़ुद लोगों ने छोड़ दिया है।
उन्होंने बाकी लोगों को भी अपील की कि वह भी स्वयं आगे आकर सरकारी ज़मीन से नाजायज कब्ज़े छोड़ें जिससे इस ज़मीन से इकट्ठा होता राजस्व पंजाब की भलाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह ज़मीन किसी की पैतृक जायदाद नहीं है बल्कि यह सभी पंजाब की सांझी ज़मीन है और इस ज़मीन से होती आमदन सभी राज्य निवासियों के लिए ख़र्च की जानी है। धालीवाल ने कहा कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री भगवंत मान की अपील पर 3396 एकड़ ज़मीन लोगों ने ख़ुद छोड़ दी थी।
धालीवाल ने एक बात स्पष्ट की कि इस मुहिम के दौरान किसी के घर को गिराया नहीं जायेगा परन्तु ऐसे कब्जधारकों को विनती की जायेगी कि वह कानून अनुसार इसका निपटारा करें। उन्होंने प्रत्येक को यह विनती भी की है कि पंजाब की भलाई के लिए और राज्य को रंगला पंजाब बनाने के लिए नाजायज कब्जाधारक ख़ुद आगे आकर यह ज़मीनें पंजाब सरकार के हवाले करें।