क्या कोई पुलिस लाइन कालोनी को अवैध कब्जों से मुक्त करवा पाएगा 
विनोद कुमार तुषावर, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 13 मई :
अगर आप चंडीगढ़ में किसी मकान, दुकान में थोङी सी तब्दीली कर लेते हो तो चंडीगढ़ का अतिक्रमण हटाओ दस्ता दल बल के साथ पहुंच कर आपके अवैध निर्माण को तहस नहस कर देता है ?? समझ से परे है कि एक आम नागरिक अवैध निर्माण करें तो कानून का उलंघन अगर सरकारी मुलाजिम करें तो चलने दो ?? यही सब हो रहा हैं चनङीगढ पुलिस प्रशासन की कालोनी सैक्टर 26 में ??
पुलिस कालोनी सेक्टर 26 में जो सरकारी मकान मुलाजिमों को एलाट किये गए हैं ,उनके नक़्शे ही बदलें जा रहे हैं कोई टु से थ्री रूम बना रहा है कोई थ्री से फोर रूम बना रहा है , कोई चार दीवारी तोड़ कर फुटपाथ पे से दरवाज़े निकाल रहा कोई पार्क में दरवाज़े निकाल रहा है?? ख़ास कर ग्राउंड फ़्लोर वाले ने तो अंत ही मचा रखी है , अवैध निर्माण हो रहे हैं जी किसी की धूप , किसी की हवा रोकी जा रही हैं कोई ध्यान नहीं देता जैसे खिड़कियाँ तोड़ीं जा रहीं हैं अलमारियों को तोड़ा जा रहा है अलग से लैटरीन बाथरूम बनवाये जा रहे हैं , जिसकी लाठी उसकी भैंस वाला काम है जी ??
क्वार्टर ब्रांच की लापरवाही है जब मुलाजिमों को Allotment letter issue करते हैं तब उसके साथ Conditions of Allotment भी होता है उसमें साफ़ लिखा हुआ है कि सरकारी मकान की तोड़फोड़ नहीं करनीं लेकिन फिर भी तोड़फोड़ पुरज़ोर हो रही है ?? यह कैसा क़ानून है क्या Allotmant कमेटी की कोई ड्यूटी नहीं बनती चैक करने की ?? केयर टेकर की क्या ड्यूटी है ?? जैसे #539 B,# 536 A कितने वर्षों से ख़ाली पड़े हैं इन के हालात कितने ख़राब है इनकी ही लापरवाही है ? बहुत से मकानों के ताले ही तोड़ने पड़े क्योंकि चाबी ही नहीं लगी , ना ही कोई एलाट होने के बाद देखने आता है ,ओर ना ही मकान ख़ाली करने के बाद देखने आते जब मकान को ख़ाली करते हैं तब इतनी ख़स्ता हालत में छोड़कर जाते हैं जब दुसरे मुलाजिम को एलाट होता तो उस को मकान के हालात देखकर कैंसल करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है , सरकारी मकानों की एक ईंट भी इधर-उधर नहीं कर सकते यहाँ पर मुलाजिम अपनी मनमर्ज़ी चला रहे हैं ??
लाखों रुपये ख़र्च कर रहे हैं मुलाजिम सरकारी मकानों पर जैसे अपनी पुश्तैनी जायदाद हो अब मकान छोड़कर जातें है फिर जिसको एलाट होता हैं , उससे पैसे माँगते हैं या फिर अपने किसी चहेते को म्यूचुअल करवा देते हैं , मुलाजिमों को मकान एलाट होने के बाद 15 दिन का समय दिया जाता है मकान को तैयार करवाने का !! सर जी मुलाजिम ड्यूटी करें कि मकान की मरम्मत करवायें पुरा समान भी नहीं मिलता ठीक करवाने के लिए , किसी मकान की खिङकी ग़ायब किसी का दरवाज़ा, किसी की ग्रिल ग़ायब ?? हमें # 532B ,2014 में एलाट हुआ था तब उसकी एक कमरे ओर रसोई की खिड़की की ग्रिल ग़ायब थी जो कि अब तक नहीं लगी ?? क्या ऐसा नहीं हो सकता कि पुलिस विभाग की तरफ़ से पुलिस मुलाजिमों को क्वार्टर फ़ाइनल तैयार करवा कर हैड ओवर करना चाहिए ? इस तरह मुलाजिमों को भी फ़ायदा मिलेगा और मकानों की तोड़फोड़ भी नहीं होगी सरकारी मकानों के हालात अच्छे हो जाएँगे कोई भी मुलाजिम मनमानी नहीं कर पाएँगे ?? इस विषय में कई बार यहाँ के लोगों ने डीजीपी को पत्र भी लिखा है लेकिन अब तक ना ही पुलिस प्रशासन का और ना ही चनङीगढ प्रशासन के अतिक्रमण हटाओ दस्ते का ही ध्यान इस और गया है ??