शोध छात्रा ममता बुल्ला को भौतिकी विषय में बेहतरीन प्रदर्शन करने पर मिला सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार

डेमोक्रेटिक फ्रंट

 हिसार/पवन सैनी

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में कार्यरत सहायक प्राध्यापक डॉ. विनय कुमार को 2डी नैनो पदार्थ संबंधित सेंसर को लेकर एक अनुसंधान परियोजना की स्वीकृति मिली है। दिल्ली के अंतर विश्वविद्यालय विवरण केंद्र आईयूएसी द्वारा यह स्वीकृति दी गई है।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि परियोजना के तहत बनाए जाने वाले गैस सेंसर की मदद से कृषि के क्षेत्र से उत्पन्न विभिन्न हानिकारक गैसे मिथेन, कार्बन-डाइक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड आदि को मापने एवं पर्यावरण सरंक्षण की निरंतर निगरानी के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि भौतिकी विभाग की शोध छात्रा ममता बुल्ला को भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में पीएचडी स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने पर सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार राजस्थान के पिलानी शहर में बी.के. बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान में दो दिवसीय रीसेंट एडवांसमेंट इन मैथमेटिकल एंड अलाइड साइंस आरएएमएएस-2023 विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया गया। इन दोनों उपलब्धियों पर कुलपति ने भौतिकी विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रीटा दहिया, सहायक प्राध्यापक विनय कुमार व शोध छात्रा ममता बुल्ला को बधाई दी। इसके अलावा मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. नीरज कुमार ने सभी का हौसला आफजाई की।भौतिकी विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रीटा दहिया ने बताया कि वर्तमान में फसल अवशेष जलाने से मुख्यत: मिथेन, कार्बन डाईक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड आदि जैसी हानिकारक गैसें निकलती है, जोकि वायु प्रदूषण के साथ-साथ ग्लोबल वॉर्मिंग, मानव स्वास्थ्य सहित पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। उन्होंने बताया वर्तमान समय में कृषि के क्षेत्र में इन हानिकारक गैसों की मात्रा मापने के पर्याप्त यंत्र उपलब्ध नहीं है, जोकि चिंता का विषय है।सहायक प्राध्यापक डॉ. विनय कुमार ने बताया कि परियोजना के तहत बनाए जाने वाले गैस सेंसर की मदद से हानिकारक गैसों को मापा जा सकेगा ताकि स्वास्थ्य व पर्यावरण संबंधित चुनौतियों का हल निकाला जा सकेगा।