महाराजा दलीप सिंह की बादशाह के तौर पर आखिरी रात को याद कराती बस्सियां कोठी को
- सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाऐगी पंजाब सरकार – अनमोल गगन मान
- सांसद संजीव अरोड़ा द्वारा बस्सियां कोठी के विकास के लिए 20 लाख रुपए देने का ऐलान
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 19 अप्रैल :
विश्व विरासत दिवस के मौके पर बीती शाम ज़िला प्रशासन, लुधियाना और महाराजा दलीप सिंह मेमोरियल ट्रस्ट रायकोट बस्सियां (लुधियाना) की तरफ से सांझे तौर पर बस्सियां (रायकोट) में करवाए समागम की अध्यक्षता करते हुये पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामले संबंधी मंत्री अनमोल गगन मान ने कहा है कि 200 साल पुरानी इस अनमोल विरासती इमारत और इसके कैंपस को राज्य सरकार सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाऐगी। उन्होंने कहा कि इस जगह पर सिख राज के आखिरी महाराजा दलीप सिंह की तरफ से आखिरी रात बिताने के कारण इस जगह का पंजाब के लिए ऐतिहासिक महत्व बहुत ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि बस्सियां कोठी के विकास के लिए ज़िला प्रशासन की तरफ से दिए अनुमान मुताबिक सब कार्य पूरे किये जाएंगे। पंजाब में पर्यटन विकास के लिए जल स्त्रोतों, धार्मिक यात्रा, कला महत्व वाले स्थानों सम्बन्धी योजना बनाई जा रही है।
इस मौके पर उन्होंने पंजाब से राज्य सभा सदस्य संजीव अरोड़ा का बस्सियां कोठी के विकास कामों के लिए 20 लाख रुपए देने संबंधी किये ऐलान के लिए धन्यवाद किया।
पंजाब से राज्य सभा सदस्य संजीव अरोड़ा ने इस मौके पर बोलते हुये कहा कि लुधियाना में लालन-पोषण होने के बावजूद मैं इस स्थान के महत्व से वाकिफ नहीं था परन्तु आज के बाद मैं पूरे हक के साथ देश के लोगों को इस स्थान के दर्शनों के लिए लेकर आऊँगा।
अरोड़ा ने इस मौके पर ज़िला प्रशासन को इस स्थान के विकास के लिए 20 लाख रुपए जारी करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस जगह के विकास के लिए भविष्य में और साधन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्व विरासत दिवस पर मेरा परिवार समेत बस्सियां कोठी आना हमारे लिए शुभ दिन है।
इस मौके पर पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामले के मंत्री अनमोल गगन मान, सांसद संजीव अरोड़ा, पंजाब आर्टस कौंसिल के चेयरमैन डा सुरजीत पातर, पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी लुधियाना के वाइस चांसलर डा. सतिबीर सिंह गोसल, पंजाब पुलिस के आई जी डॉ. कौसतुभ शर्मा, पंजाब फार्मरज़ कमीशन के पूर्व चेयरमैन स. अवतार सिंह ढींडसा, लुधियाना के पुलिस कमिश्नर स. मनदीप सिंह सिद्धू, कंवरदीप सिंह सोनू नीलीबार, महाराजा दलीप सिंह मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी पिरथीपाल सिंह, परमिन्दर सिंह जट्टपुरी और सिख चिंतक डा. अनुराग सिंह ने बस्सियां कोठी के बारे हरप्रीत सिंह संधू द्वारा तैयार की दस्तावेज़ी फ़िल्म भी लोकार्पण की गई।
इससे पहले इस स्थान पर स. हरप्रीत सिंह संधू की तरफ से विकसित सैल्फी प्वाइंट का भी मेहमानों की तरफ से उद्घाटन किया गया।
इस मौके पर स्वागती शब्द बोलते हुये महाराजा दलीप सिंह मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट बस्सियां-रायकोट के चेयरमैन प्रो. गुरभजन सिंह गिल ने कहा कि यह कोठी वह जगह है जहाँ शेर- ए- पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के सबसे छोटे पुत्र महाराजा दलीप सिंह ने अपनी आखिरी रात (31 दिसंबर, 1849) को पंजाब में प्रभु सत्ता सम्पन्न बादशाह के तौर पर बिताई थी।
उन्होंने कहा कि महाराजा दलीप सिंह को 21 दिसंबर, 1849 को लाहौर से काबू करने के बाद में काहना-काछा, लल्यानी, फ़िरोज़पुर, मुद्दकी, बाघा पुराना, बद्धनी, लोपों, मल्लहा, माणूके संधूआं और जट्टपुरा के द्वारा बस्सियां कोठी लाया गया।
पंजाब आर्टस कौंसिल के चेयरमैन डा. सुरजीत पातर ने संबोधन करते हुये महाराजा रणजीत सिंह के सिख राज के हवाले के साथ मूल्यवान बातें की और अपनी नयी कविता ताजपोशी भी श्रोताओं के साथ सांझा की।
इस स्थान पर महाराजा दलीप सिंह मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विशाल पंजाबी लोक कला मेला करवाया गया जिसका उद्घाटन डिप्टी कमिश्नर, लुधियाना सुरभी मलिक ने किया। रायकोट हलके के विधायक स. हाकम सिंह ठेकेदार ने उद्घाटन समागम की अध्यक्षता भी की।
एसडीएम स. गुरबीर सिंह कोहली और ट्रस्ट के सचिव परमिन्दर सिंह जट्टपुरी ने समागम की रूप रेखा को संपूर्ण करने में दिन-रात एक कर दिया।
हलका विधायक हाकम सिंह ठेकेदार के इलावा इस समागम में विधायक राजिन्दरपाल कौर छीना, अशोक पराशर, डी एम सी लुधियाना के डा. विश्व मोहन, उद्योग संस्थाओं के प्रमुख स. उपकार सिंह आहूजा, स. गुरमीत सिंह कुलार, अमरीका में खालसा यूनिवर्सिटी बैलहिंगम और अपने गाँव चौकीमान में दस एकड़ क्षेत्रफल में दीवान टोडर मल्ल अस्पताल स्थापित करने वाले स. मनजीत सिंह धालीवाल, प्रसिद्ध ट्रांसपोर्टर स. करमजीत सिंह ग्रेवाल, प्रसिद्ध लेखक बूटा सिंह चौहान, रिटायर्ड कमिश्नर पुलिस, गुरप्रीत सिंह तूर, सवरनजीत सवी, राजदीप तूर, प्रभजोत सोही, बलबीर कौर रायकोटी भी शामिल हुए।
स. नवजोत सिंह मंडेर (जरग) चेयरमैन जैनको के नेतृत्व अधीन लोक संगीत पेशकारियां, अहमदढ़ मंडी के निवासी और प्रसिद्ध कवि और लोक फ़नकार अमृतपाल सिंह पाली ख़ादिम के नेतृत्व अधीन लोग साज़ वादन और मलवई से संबंधित गिद्दा पेश किया गया जबकि स. हरजीत सिंह ग्रेवाल चेयरमैन, इंटरनेशनल सिख मार्शल आर्ट कौंसिल की तरफ से मार्शल आर्ट गत्तका के जौहर दिखाऐ। सुरजीत मेमोरियल फाउंडेशन बटाला की तरफ से प्रो. बलवीर सिंह कोयला के नेतृत्व में लोक नाच भंगड़ा रिवायती सियालकोटी पेशकारी को मुख्य मेहमान संजीव अरोड़ा मैंबर राज्य सभा और कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान ने बहुत सराहा। इस मौके पर महाराजा दलीप सिंह मैमोरियल ट्रस्ट के अधिकारियों की तरफ से कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान, सांसद संजीव अरोड़ा, हाकम सिंह ठेकेदार विधायक, डी सी लुधियाना सुरभी मलिक और फोटो कलाकार हरप्रीत सिंह संधू को सम्मानित किया गया।
विश्व पंजाबी सभा ट्रांटो के चेयरमैन स. दलबीर सिंह कथूरिया की तरफ से बलबीर कौर रायकोटी कलाकारों और मेहमानों को पगड़ियां भेंट की गई।
इस मौके पर विरसासत संभाल सीरदारी लहर पंजाब के सहयोग स्वरूप पगड़ी मुकाबले भी करवाए गए जिसके विजेताओं को साहिल अमरीका की तरफ से नगद इनाम बाँटे गए।
ज़िला प्रशासन की तरफ से पंजाब के प्रसिद्ध उद्योगपतियों के साथ कला की सरप्रस्ती सम्बन्धी मिलनी भी की गई। डिप्टी कमिश्नर सुरभी मलिक ने समूचे लोक उत्सव में हिस्सा लेने वाले कलाकारों, प्रबंधकों और मेहमानों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस समागम में शामिल होकर विश्व विरासत दिवस की पेशकारियों को देखा और आनंद लिया।
नॉर्थ ज़ोन कल्चरल सैंटर पटियाला की तरफ से प्रसिद्ध सूफ़ी गायक मुहम्मद इरशाद ने इस मौके पर सुरमयी सूफ़ी और लोक संगीत नमूने पेश किये।
प्रसिद्ध फोटो आर्टिस्ट स. हरप्रीत सिंह संधू द्वारा महाराजा दलीप सिंह यादगारी कोठी संबंधी बनाई दस्तावेज़ी फ़िल्म को दर्शकों के सामने प्रदर्शित किया गया।