बीटीसी, आईटीबीपी भानू में महिला एवं पुरूष कमाण्डों प्रशिक्षणार्थियों को दिया गया विषम परिस्थितियों से निपटने का हेली स्लेदरिंग का प्रशिक्षण
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 17 अप्रैल :
प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, भानू, पंचकूला (हरियाणा) में श्री ईश्वर सिंह दूहन, महानिरीक्षक प्राथिमक प्रशिक्षण केन्द, के कुशल मार्गदर्शन में 6वें महिला कमाण्डो कोर्स में आईटीबीपी की विभिन्न ईकाइयों से 19 महिलाएं तथा 100वें पुरूष कमाण्डों कोर्स में आईटीबीपी की विभिन्न ईकाइयों से 94 एवं ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट (राज्यों की पुलिस) के 07 प्रशिक्षणार्थी, कुल- 120 कमाण्डों प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये कमाण्डों कोर्स महिला कमाण्डों के लिए 06 सप्ताह और पुरूष कमाण्डों के लिए 10 सप्ताह की अवधि के लिए संचालित किये जाते हैं।
कमाण्डो कोर्स प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार की सिखलाई देकर कठोर प्रशिक्षण के साथ विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार किए जाते हैं, जिसमें हेली स्लेदरिेग कमाण्डो कोर्स का एक मुख्य हिस्सा होता है। इसमें हेलीकाप्टर द्वारा रस्सी के सहारे उतरने की सिखलाई दी जाती है। जिसका मुख्य उददेश्य यह कि हेलीकाप्टर द्वारा कम समय में दुर्गम जगहों पर सैनिकों को तैनात किया जा सके। ऐसी जगहों पर जहां हैलीपैड नही है या शहरी क्षेत्र में है, वहां पर रस्सी के माध्यम से तेजी से उतरा जा सके ।
स्लेदरिंग का उपयोग आमतौर पर उन स्थितियों में किया जाता है जब खतरनाक लैंडिग स्थिति के लिए जमीन नरम या असमान हो । इसके अलावा धीमी गति से तैनाती का उपयोग तब किया जाता है जब विपक्ष से आग लगाने का खतरा हो, कमाण्डो सभी बलों में विशेष सैनिक होते है इसलिए एक कमाण्डो के पास फिसलने का बुनियादी कौशल होता है । हेली स्लेदरिंग की मूल आवश्यकता– शार्ट बोर्न हेली ऑपरेशन और ऑपरेशन के लिए रस्सी पर बचाव और लैडिंग का निर्माण एवं सैनिको को तुरन्त छोड़ने के लिए इलाके में कोई रास्ता न हो तो इन सभी गतिविधियों हेतु इस तरह का अभ्यास करवाया जाता है। इस अवसर पर श्री ईश्वर सिंह दुहन, महानिरीक्षक, श्री अश्विनी कुमार, उप महानिरीक्षक, श्री राजेश शर्मा, उप महानिरीक्षक एवं अन्य पदाधिकारी तथा कमाण्डो टीम के प्रशिक्षक एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।