जीवन जीने का ढंग सिखाती है रामायण : पंडित माधव
डेमोक्रेटिक फ्रंट/पवन सैनी
हिसार।श्रीहरियाणा कुरुक्षेत्र सनातन धर्म हनुमान मंदिर ट्रस्ट, नागोरी गेट के तत्वाधान में 67वें हनुमान जन्म महोत्सव के उपलक्ष्य में मंदिर प्रांगण में चल रही हनुमान चरित्र कथा के पांचवें व अंतिम दिन ऋषिकेश से आये पं. माधव प्रसाद ने कथा की शुरुआत रामायण की चौपाईयों से की। उन्होंने कहा कि रामायण हमें जीवन जीने का ढंग सिखाती है। मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेते हुए मर्यादा में रहकर जीवन यापन करना चाहिये। श्रीराम ने आदर्श पुत्र, आदर्श पति, आदर्श पिता व आदर्श भ्राता की भूमिका निभाई। हमें रामायण से मिली शिक्षाओं को अपने जीवन में उतार कर स्वयं को धन्य करना चाहिये। उन्होंने अश्वमेघ यज्ञ, सुबाहु, वीरभद्र व हनुमानजी के बल का वर्णन करके कथा का समापन किया। इसके बाद पं. माधव प्रसाद ने श्रीसुन्दरकाण्ड का पाठ आरंभ किया। उन्होंने बड़ी ही सरस व भावपूर्ण शैली में पाठ करके भक्तों को भक्ति रस से सरोबार कर दिया। आरती के साथ प्रशाद का वितरण किया गया। मंदिर ट्रस्ट के प्रधान कैलाश चौधरी एडवोकेट ने बताया कि कथा आरंभ से पूर्व समाजसेवी नरेश जिंदल द्वारा परिवार सहित पूजन व आरती करवाई गई। इस अवसर पर बिमला चौधरी, डॉ. आशा गुप्ता, धर्मपाल गोयल, बृजभूषण जैन, हनुमान गोयल, अनिल यादव, रोमा लोहिया, अरविंद सहित अनेक गणमान्य लोगों ने कथा का आनंद लिया। मंदिर ट्रस्ट ने पांच दिवसीय कथा के समापन पर सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया।