दिल्ली में एजुकेशन सिस्टम की हवा निकल गई है, यहाँ 9वीं से 11वीं के 96 प्रतिशत विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हो गए हैं : रामवीर सिंह बिधूड़ी

           दिल्ली में एजुकेशन सिस्टम की हवा निकल गई है। जिन स्कूलों की पढ़ाई को टॉप वन क्वालिटी का बताया जा रहा था, वहां 9वीं से 11वीं के 96 प्रतिशत विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हो गए हैं। इसके बाद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधने के लिए बीजेपी के हाथ बड़ा मौका लग गया है। बीजेपी ने शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना  पर गंभीर आरोप लगाया है। दावा है कि शिक्षा मंत्री ने सभी टीचर्स को खुद कॉपी लिखकर छात्रों को पास करने को कहा गया है।  आम आदमी पार्टी ने बताया छात्रों के लिए कोविड संकट बनकर आया।  इसकी वजह के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है।  सूत्रों के मुताबिक शिक्षकों की ओर से खुद बच्चों को पास कराने के लिए कुछ कॉपिया भी लिखी गई हैं। शिक्षक रिजल्ट सुधारने के लिए काम कर रहे हैं।

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  • नेता विपक्ष का दावा- 80 में छात्र 10 नंबर भी नहीं ला सके
  • अब टीचर्स से कहा जा रहा कि वे खुद उत्तर लिखकर छात्रों को पास करें
  • 10 वीं और 12वीं के परीक्षा में भी नकल के आरोप
  • निदेशक ने क्लास में छात्रों से कहा था… जवाब न आए तो सवाल लिख आ जाना : रामवीर सिंह

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 03 अप्रैल :

भाजपा ने शिक्षा मंत्री आतिशी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब टीचर्स से कहा जा रहा कि वे खुद उत्तर लिखकर छात्रों को पास करें।

दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दावा किया कि नतीजे वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं, मगर टीचर्स से कहा गया कि खुद जवाब लिखकर छात्रों को पास करें और रिवाइज्ड रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड करें।

रामवीर सिंह के मुताबिक, इसके लिए उन्हें 5 अप्रैल तक का समय दिया गया है। उन्होंने LG वीके सक्सेना से जांच की मांग की है। नेता विपक्ष ने दावा किया कि इस सत्र में 9वीं और 11वीं कक्षा में केवल 4% छात्र ही पास हो पाए।

रामवीर सिंह ने कहा कि कक्षा के 60 में 55 छात्रों के नंबर पास होने लायक भी नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर छात्र कुल 80 अंकों में से 10 एंक भी नहीं ला सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा के इस घोटाले की भी जांच होनी चाहिए, क्योंकि जालसाजी से रिजल्ट बदले जा रहे हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों की वर्ल्ड क्लास एजुकेशन मॉडल की हवा निकल गई है। केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता शिक्षा मॉडल पर दिन-रात झूठ बोलते हैं कि शिक्षा का स्तर बहुत सुधर गया, जबकि इस साल के नतीजों ने पोल खोल दी है।


दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा में भी छात्रों को नकल कराने का आरोप है। सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा CBSE द्वारा आयोजित कराई गई थी। CBSE के परीक्षा कंट्रोलर भारद्वाज को शिकायत मिली, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता को पत्र भी लिखा था।

शिक्षा निदेशक से कहा गया कि वह सुनिश्चित करें कि परीक्षा सुचारू रूप से और निष्पक्ष रूप से आयोजित हो। शिकायत में कहा गया कि परीक्षा के समय सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक CCTV कैमरे बंद कर दिए जाते।

तर्क यह दिया गया कि पेरेंट्स के पास भी CCTV देखने का एक्सेस है। सरकारी स्कूलों के स्कूल प्रमुखों द्वारा TGT/PGT शिक्षकों को एक फेसिलिटेटर के तौर पर नियुक्त किया गया। इनका काम छात्रों को प्रोत्साहित करना था, लेकिन इन पर छात्रों को नकल करने में मदद का आरोप लगा, जिससे रिजल्ट सुधारे जा सकें।

शिक्षा के इस खस्ताहाल मॉडल की जानकारी शिक्षा मंत्री और शिक्षा निदेशक को भी है। लेकिन टीचर्स को 5 अप्रैल तक नतीजे सुधारने को कहा गया है। इससे पहले भी ऐसे वीडियो सामने आ चुके हैं, जिसमें खुद शिक्षा निदेशक क्लास में बच्चों को कह रहे कि अगर उन्हें कुछ नहीं आता, तो प्रश्न ही लिख आएं, शिक्षक उन्हें पास कर देंगे।

पब्लिक स्कूलों में इस हफ्ते से क्लास शुरू होने वाली हैं, मगर दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों ने पेरेंट्स की चिंता बढ़ा दी है। उनका स्कूल मैनेजमेंट से कहना है कि प्रबंधन खुद स्थिति का संज्ञान लें और कुछ दिन कक्षाएं ऑनलाइन कर दें। उधर, स्कूल मैनेजमेंट ने स्कूल खोलने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। स्कूलों ने रिस्क नहीं लेते हुए मास्क के बिना प्रवेश नहीं देने का फैसला लिया है।