निगम की बैठक का लाईव प्रसारण हो सकता है टाऊन वेडिंग का क्यो नहीं 

विनोद कुमार तुषावर, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 18 मार्च :

लोकसभा चुनाव का समय जैसे जैसे करीब आता जा रहा है राजनीतिक पार्टियों में हलचल तीव्र से तीव्रतम होती जा रही है, बयानबाजी और एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोपों का दौर  शुरू हो चुका है,एक दूसरे पर छींटा कशी का दौर शुरू हो चुका हैं।

6 दिसंबर 2019 को चंडीगढ के सैक्टर 22 सहित कई सैक्टरों में बैठे वैंडर्स को खदेङ दिया गया था और सैक्टर 15 की उस सुनसान और उजाड़ साईट पर बिठा दिया था, जहां वैंडर्स का सारी उम्र काम चल ही नहीं सकता, तब तो किसी भी पार्टी ने हो-हल्ला नहीं मचाया था, किसी भी पार्टी ने इसका विरोध नहीं किया था कि गरीबों के साथ धक्का हो रहा है, आम आदमी पार्टी के एक बहुत ही कद्दावर नेता वैंडर्स का साथ देने की बातें ही करते हैं सत्ता पर काबिज पार्टी नेताओं सहित शहर के तमाम अधिकारीगण जो वैंडर्स के विभाग से जुड़े हैं, भलीभांति जानते है कि जो सैक्टर 15 वाली साईट है वह एक असफल, नाकामयाब साईट है फिर भी न जाने क्यों वैंडर्स की जान तक लेने पर तुले हुए हैं।

सर्वे जब सैक्टर 22 में हुआ था तो उठाने का कोई औचित्य ही नहीं था ये बात वैंडर एक्ट में लिखी हुई है, इसके अतिरिक्त फीस सैक्टर 22 वाली ही ऐंठी जा रही है, वैंडर्स के हरीश बंसल ने एक वीडियो जो रांची से शूट किया गया था दिखाया कि कैसे वहां की सरकार ने और वहां के प्रशासन ने वैंडर्स को संभाला हुआ है, उन्होंने वैंडर्स को माॅल बना कर दिया हुआ है और, फीस भी मात्र 500 रूपये प्रतिमाह वसूली जाती है, इसके अतिरिक्त सत्तारूढ पार्टी की होशियारी व चालाकी का आलम ये है कि पहले जो टाउन वैंडिंग कमेटी बनाई थी वो उन लोगो ने अपने लोगो को ही चुन लिया था।

अब की बार जो टाउन वैंडिंग कमेटी बनाई गई है उसमें भी इन्होंने अपने स्तर पर सदस्य नामांकित कर बिठा रखें है, जो मैंबर जनता ने स्वंय चुने है उनको न जाने कोन सी घुटटी पिलाई है कि वे तो कुछ बोलते ही नहीं ?? कई बार हमारे चालिया साहब कह चुके है कि टाऊन वैंडिंग कमेटी की जब बैठक होती है उसका “लाईव” दिखाया जाये ताकि पारदर्शीता बनी रही और टाउन वैंडिंग कमेटी के सदस्यों ने क्या-क्या कहा कौन-कौन सी मांगे रखी या कौन-कौन सवाल किये और निगम के अधिकारियों ने उनके  क्या  जबाव दिये,     या नहीं ??  जब पार्षद लोगों के साथ हाउस की मीटिंग होती है उसका भी तो “लाईव” होता ही है, फिर टाउन वैंडिंग कमेटी की मीटिंग का “लाईव” क्यों नहीं है सकता ?? आदरणीय कमिश्नर मैडम आनंदिता मित्रा जी से अनुरोध है कि वह इस विषय में जनता को जवाब देना चाहिए  ??