मेट्रो के माध्यम से पिंजौर- कालका को चंडीगढ़ से जोड़ा जाए, मुख्यमंंत्री मनोहरलाल का सुझाव
हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब, हरियाणा सिविल सचिवालय, विधानसभा, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, पीजीआई तथा एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर नागरिकों की आवाजाही अधिक रहती है। यदि इन स्थानों को भी मेट्रो से जोड़ा जाएगा, तो आमजन को ट्रैफिक जाम से भी बड़ी राहत मिलेगी और उनके समय व पैसे की भी बचत होगी। इसलिए पहले फेज में ही इन मुख्य स्थानों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पंचकूला वासियों के लिए एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को बेहतर और सुगम करने के साथ साथ ट्राईसिटी में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करना ही मेट्रो प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को समन्वय स्थापित करते हुए पूरे तालमेल के साथ आगे बढऩा है।
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 16 मार्च :
चंडीगढ़ में मेट्रो पर लगभग सहमति बन गई है। पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में चंडीगढ़ समेत ट्राइसिटी में बढ़ रहे ट्रैफिक जाम को खत्म करने पर चर्चा हुई। बैठक में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल मौजूद रहे। वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान के संगरूर दौरे पर होने के कारण मंत्री अनमोल गगन मान ने बैठक में हिस्सा लिया।
मेट्रो के पहले चरण में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड चौक से पंजाब यूनिवर्सिटी, PGI और एयरपोर्ट के लिए वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दिया गया। इनके अलावा हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर ने मेट्रो के माध्यम से पिंजौर-कालका को चंडीगढ़ से जोड़ने के लिए कहा। उन्होंने मेट्रो के विस्तार में घग्गर नदी और नए पंचकूला के क्षेत्रों को शामिल करने की बात भी कही। साथ ही जीरकपुर को पिंजौर-कालका तक जोड़ने का सुझाव दिया, ताकि चंडीगढ़ आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सके।
उन्होंने हरियाणा सिविल सचिवालय, विधानसभा, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, PGI और एयरपोर्ट के मेट्रो से जुड़ने पर ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत मिलने की बात कही। CM मनोहर लाल ने मेट्रो के पहले फेज में ही उक्त सभी रूट शामिल करने का सुझाव दिया।
बैठक में हरियाणा सीएम मनोहर लाल के अलावा पंजाब की पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान और चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता पहुंचे। जबकि पंजाब के CM भगवंत मान और चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने मीटिंग से दूरी बनाए रखी। मीटिंग में हरियाणा CM के प्रधान सचिव डीएस ढेसी, मुख्य सचिव संजीव कौशल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरूण गुप्ता समेत पंजाब के अफसर पहुंचे।
गवर्नर के साथ इस मीटिंग में दोनों प्रदेश सरकारों के प्रमुख सचिव (CS) और अन्य सीनियर अफसर मौजूद रहे। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस-प्रशासन द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर सचिवालय में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। DSP समेत सिक्योरिटी विंग के इंस्पेक्टरों पर व्यवस्था बनाए रखने का जिम्मा रहा। किसी व्यक्ति को बेवजह सचिवालय के प्रथम तल पर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
पंजाब गवर्नर बीएल पुरोहित की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में राइट्स कंपनी के अधिकारियों ने ट्राईसिटी से जुड़े पूरे प्लान की प्रेजेंटेशन दी। इसके बाद हरियाणा के CM समेत अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव दिए।
कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान चंडीगढ़ के साथ मोहाली और पंचकूला के लिए फायदेमंद रहेगा। मेट्रो प्रोजेक्ट रूपरेखा पर सहमति देना और रोड मार्ग से तीनों शहरों में यातायात फ्रीक्वेंसी को बेहतर बनाना है। पूरे प्रोजेक्ट पर पंचकूला, मोहाली व चंडीगढ़ का अनुमानित खर्च करीब 10,570 करोड़ रुपए है। मेट्रो पर सबसे अधिक 7680 करोड़ खर्च होंगे। इसमें से मोहाली में 4080, चंडीगढ़ में 2320 और पंचकूला में 1280 करोड़ रुपए खर्च आएगा। यदि बैठक में सहमति बनी तो इस प्लान को अंतिम मुहर के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। इसके बाद प्लान पर काम शुरू कर दिया जाएगा।