बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया रैंकिंग में वीमेन सीनियर सिंगल में नंबर वन बनी अनुपमा उपाध्याय

  • वर्ल्ड नंबर तीन का खिताब पहले ही हासिल कर चुकी है अनुपमा।
  • अनुपमा ने बेहतरीन खेल प्रदर्शन के जरिए किया मील का पत्थर स्थापितः अजय सिंघानिया।
  • बड़ी चुनौती को पार कर उपलब्धियां हासिल करना महान खिलाडियों के लक्षणः देवेन्द्र सिंह।

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला, 9 मार्च :

हाल ही में पुणे में आयोजित सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप 2023 के रोमांचक खिताबी मुकाबले में पहली बार महिला एकल का खिताब जीतने वाली मूल रूप से हरियाणा निवासी अनुपमा उपाध्याय के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। गत दिनों बैडमिंटन एसोसिएशन आफ इंडिया द्वारा जारी की गई रैंकिंग में अब यह होनहार खिलाड़ी वीमेन सिंगल में इंडिया नंबर वन बन गई है। उसने अपने बेहतरीन खेल के जरिए एक बार फिर सभी युवा खिलाड़ियों विशेष तौर पर लड़कियों व महिलाओं के समक्ष एक मील का पत्थर स्थापित किया है। अनुपमा ने सिद्ध कर दिया कि अगर दिल में केवल और केवल जीत का जज्बा हो, खेल के प्रति पूर्ण समर्पण व जुनून हो तो कोई भी उपलब्धि हासिल की जा सकती है। हरियाणा की इस युवा होनहार बेटी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए बैडमिंटन एसोसिएशन आफ इंडिया के उपाध्यक्ष व हरियाणा बैडमिंटन एसोसिएशन के महासचिव अजय सिंघानिया ने भरोसा जताया कि यह तो मात्र शुरुआत है। आने वाले समय में अनुपमा उपाध्याय अपने खेल के जरिए पूरे विश्व के महान बैडमिंटन खिलाड़ियों के बीच अपना नाम शुमार करवाते हुए पूरे देश को गौरव का अनुभव करवाएगी। 

युवा खिलाड़ी की इस उपलब्धि पर हरियाणा बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह, (सेवानिवृत आईएएस) व समस्त कार्यकारिणी द्वारा अनुपमा को विलक्षण प्रतिभा की धनी बताते हुए कहा कि किसी भी खेल में कोई भी महान खिलाड़ी हो, उन सभी के गुणों में एक बात समान रूप से दिखाई देती है कि वो सभी खेल के लिए न सिर्फ पूर्ण रूप से समर्पित होते है, बल्कि साथ में बड़ी से बड़ी उपलब्धियों तथा हार जीत को एक भाव से देखते हुए उनके सामने यही लक्ष्य रहता है कि खेल को अधिक से अधिक ऊंचाइयों पर ले जाया जाए। उपलब्धियां उन्हें अपने खेल को बेहतर ढंग से निखारने, बड़ी चुनौतियों के सामने दृढ़ता से डट कर खड़े होने के लिए प्रेरणा स्त्रोत का काम करती है। यही गुण हमें अनुपमा के खेल में भी दिखाई दे रहा है। यह वाकई में हरियाणा व देश के बैडमिंटन जगत के लिए सुखद संकेत है कि नेशनल लेवल पर नंबर वन बनने के बाद अब यह होनहार दोगुने जोश के साथ अपने खेल के लिए और अधिक अभ्यास पर जुट गई है।