ताहरपुर कलां में करोड़ों की लागत से तैयार कन्या विद्यालय की बिल्डिंग बनी सफेद हाथी

ठेकेदार ने काम पूरा कर दो साल पहले सौंप दिया था पीडब्ल्यूडी विभाग को

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, छछरौली- 06 मार्च :

ताहरपुर कलां में मुख्यमंत्री की घोषणा से करोड़ों रुपए की लागत से तैयार कन्या विद्यालय की बिल्डिंग पिछले दो साल से सफेद हाथी बनकर खड़ी हुई है। पूरी तरह से तैयार बिल्डिंग विद्यालय स्टाफ व छात्राओं की राह तक रही है कि आखिर वह दिन कब आयेगा जब बिल्डिंग में क्लासें लगना शुरू होगी। बिल्डिंग तैयार होने के बाद क्लासें ना लगने पर स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिर सरकार ने इतने पैसे क्यों खर्च किए हैं जब बिल्डिंग का इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा है।

क्षेत्रवासी रमजान, शालिम, अकबर, चरणजीत सिंह, महिमा सिंह, वेदपाल, करनैल सिंह, रामसिहं ने बताया है कि पिछले प्लान मे छछरौली अनाज मंडी में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की थी कि घाड क्षेत्र की बच्चियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए शहर की आना पड़ता है। बच्चियों के लिए घाड क्षेत्र के ताहरपुर कलां में एक कन्या विद्यालय बनवाया जाएगा। ताकि बच्चियों को घर के पास ही शिक्षा मिल सकें। घोषणा के तहत ताहरपुर कलां में लगभग पांच करोड़ की लागत से कन्या विद्यालय की बिल्डिंग का निमार्ण किया गया। ठेकेदार ने बिल्डिंग निमार्ण कार्य दो साल पहले पूरा कर सम्बंधित विभाग को हैंडओवर कर दिया है। लोगों का कहना है कि कन्या विद्यालय की बिल्डिंग पर सरकार के करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं। प्रशासन ने बिल्डिंग तो बनवा दी पर उसमें क्लासें लगाने का कार्य दो साल बीतने के बाद भी नहीं किया गया। जिसकी वजह से करोड़ों रुपए की लागत से बनी बिल्डिंग सफेद हाथी नजर आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जब बिल्डिंग इस्तेमाल ही नहीं करनी थी तो फिर करोड़ों रुपए की बर्बादी आखिर क्यों की गई।

वर्तमान में भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री चौधरी कंवर पाल जब विधानसभा अध्यक्ष थे उस समय वर्ष 2018 में ताहरपुर कला घाड क्षेत्र में ग्रामीणों की मांग पर यह स्कूल मंजूर करवाया गया था। जिसका वर्ष 2018 में टेंडर हो चुका था और लगभग 2 साल में यह बनकर तैयार हो गया था। 2020 में बनकर तैयार हुए इस भवन में इतना समय बीतने के बाद भी नियमित रूप से कक्षाएं नहीं लग पा रही है। वही इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी अशोक राणा ने बताया की उन्होंने अभी एक सप्ताह पहले ही चार्ज संभाला है। वे इस बारे में मौके पर जाकर चेक करेगे और उच्चाधकारियो से भी बात करेगे की अभी तक कक्षाएं क्यों नही लगाई जा रही है।