मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा – केस में हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे, सीधे नहीं सुन सकते आपकी याचिका, पहले HC जाइए
अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआई की बेंच से कहा कि अरनब गोस्वामी और विनोद दुआ को सुप्रीम कोर्ट ने सीधे राहत दी थी। बेंच ने कहा कि अरनब गोस्वामी का केस पहले हाईकोर्ट गया था। उसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट में आया था। जबकि विनोद दुआ का मामला कुछ आलोचनात्मक खबरों को लेकर था। सिंघवी का कहना था कि मनीष सिसौदिया ने सीबीआई के सारे समन का जवाब दिया। वो जांच में शामिल भी हुए। लिहाजा उनको रिमांड पर लेना गलत है। सिंघवी का कहना था कि एजेंसी की दलील है कि सिसौदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। लेकिन ये आरोप सरासर गलत है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सिंघवी से दो टूक कहा कि ये सारी चीजें दिल्ली हाईकोर्ट को क्यों नहीं बताते। उनकी अर्जी पर विचार करने से मना कर दिया गया। सिसौदिया 4 मार्च तक सीबीआई की कस्टडी में हैं। उन्होंने भारतीय संविधान के आर्टिकल 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट से अपने मामले में दखल देने की अपील की थी।
- मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने को कहा
- गिरफ्तार होने के बाद सीधे सुप्रीम कोर्ट में की थी अपील
- कोर्ट ने कहा- हाईकोर्ट समान रूप से ऐसे मामले में सुनवाई को सक्षम
अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली :
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी इस स्टेज पर दखल नहीं दे सकते, साथ ही कोर्ट ने सिसोदिया हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की सलाह दी है। मनीष सिसोदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत ना मिलने पर आम आदमी पार्टी (आआपा) का बयान भी सामने आया है। पार्टी ने कहा है कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं, हम हाई कोर्ट जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सिसोदिया के वकील एएम सिंघवी से कहा, “आपने याचिका में अर्णब गोस्वामी और विनोद दुआ के केस का हवाला दिया। दोनों केस बिलकुल अलग हैं। आपको निचली अदालत से बेल लेनी चाहिए। एफआईआर रद्द करवाने के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। ये मामला दिल्ली में हुआ इसका अर्थ ये नहीं इसे सीधे सुप्रीम कोर्ट ले आया जाए।”
बता दें कि मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती दी थी जिसपर सीजीआई की बेंच ने सुनवाई की और मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को फटकार लगाई।
कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली के डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी और सीबीआई की कार्रवाई को चैलेंज किया था। सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय से इस पर शीघ्र सुनवाई की अपील की थी। सीजेआई ने याचिका स्वीकार करते हुए मंगलवार की शाम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था। आप सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्यों माँग रहे हैं।
कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की परंपरा अच्छी नहीं है। कोर्ट के फैसले पर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि हम इसका सम्मान करते हैं और जमानत लेने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली जाएगी।
इसके पहले दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई (CBI) ने सोमवार (27 फरवरी, 2023) दोपहर को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। इस दौरान जाँच एजेंसी ने CBI के स्पेशल जज एमके नागपाल से सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी माँगी थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 4 मार्च तक की रिमांड पर भेज दिया था। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को IPC की धारा 120-B (आपराधिक साजिश रचने के आरोप में) तथा 477-A (धोखाधड़ी करने की कोशिश करने के आरोप में) व भ्रष्टाचार अधिनियम निवारण की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया है।