बजट में हर वर्ग की झोली ख़ाली – चन्द्रमोहन

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 24 फरवरी :  

                हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा ,हरियाणा विधानसभा में आज  हरियाणा का वर्ष 2023-24 का जो बजट पेश किया गया है उसमें  महगांई से त्रस्त आम आदमी को बजट में कोई राहत की घोषणा नहीं की गई है। मुख्य मंत्री  ने सदन में अधिकारियों द्वारा तैयार किए बजट को पढ़कर अपनी पीठ थपथपाने का भ्रम पाल लिया है और केवल मात्र औपचारिकता पूरी करके  मुख्यमंत्री अगले विधानसभा चुनाव में वोट हासिल नहीं कर सकती है।

                उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश के उदीयमान खिलाड़ियों के भविष्य को बर्बाद करने के लिए अगर कोई  जिम्मेदार है तो वह भारतीय जनता पार्टी और जजपा की सरकार है ।कांग्रेस के शासन काल में खिलाड़ियों को प्रथम श्रेणी से लेकर जो नौकरियां दी गई थी ,उसको सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है।  कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं के कारण ही हरियाणा प्रदेश के खिलाड़ियों में एक जज्बा पैदा हुआ था और अब इस बजट  खेल अकादमी स्थापित करने की घोषणा करके खिलाड़ियों को धोखा देने का प्रयास किया जा रहा है और  इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है कि आज 8 साल बाद मुख्यमंत्री को खेल अकादमी स्थापित करने का विचार आया और इस समय  वर्तमान सरकार  से खिलाड़ियों की भलाई के लिए क्या उम्मीद रखी जा सकती। है।

                चन्द्र मोहन ने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने वित्त मंत्री के नाते चौथा बजट करीब 1 लाख 83 हजार  950 करोड़ का पेश किया है। जिसमें  लगभग 11.06 प्रतिशत की बढ़ोतरी का दावा किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि बजट में यह नहीं बताया गया हरियाणा प्रदेश पर पिछले 8 वर्षों में 4 गुणा से अधिक कर्जा  लिया गया है उसको कहां पर खर्च किया गया है और इस कर्ज बच्चा-बच्चा कर्ज के बोझ के नीचे दब  गया है। उन्होंने कहा देश का किसान ख़ून के आसू पीने पर मजबूर हैं उनको 2021 में ख़राब हुई फसलों के मुआवजा आज तक नहीं दिया गया है। सतलुज यमुना सम्पर्क नहर के लिए 101 करोड़ रुपए का प्रावधान करके किसानों के घावों पर नमक छिड़कने का कुत्सित प्रयास किया गया है।  जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री ने पानी की एक बूंद भी देने से इंकार कर दिया है।प्रदेश के अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को  राहत  देने के नाम पर झुनझूना थमा दिया गया है।

                उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि बजट में आंकड़ों की बाजीगरी को  छोड़ कर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे प्रदेश को  इससे मुक्त करवाने का काम करे। आज प्रदेश का व्यापारी, कर्मचारी, किसान और छोटा दुकानदार  सभी परेशान हैं। प्रदेश के किसान गन्ने का भाव बढ़वाने के लिए सहकारी चीनी मिलों के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और पुरानी पेंशन की मांग करने वाले कर्मचारियों को  दौड़ा दौड़ा कर पीटा जा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सोनीपत को बजट में मेट्रोपोलिटन सीटी बनाने की घोषणा की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि पंचकूला को भी मेट्रोपोलिटन सीटी बनाने की घोषणा की  गई थी उसका  क्या हुआ। इसी प्रकार गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय मंडी खोली जाएगी और इसका भी  प्रत्येक बजट  में इसका उल्लेख किया जाता है, लेकिन वही घाट के तीन पात । उन्होंने कहा यह बजट एक झूठ का पुलिंदा है और प्रदेश के लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया गया है। यह बजट निराशा और लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के विरुद्ध है और आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।