एक स्वर पर बहुत सारे गीतों की रचना संभव : डाॅ सुधीर शर्मा
- तनाव कम करने में संगीत का अहम योगदान : डाॅ मीनू जैन
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 23 फरवरी :
डीएवी गल्र्स काॅलेज के संगीत विभाग की ओर से आर्ट आॅफ कंपोजिशन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कुरूक्षेत्र से आए अंतराष्ट्रीय गायत एवं आल इंडिया रेडिया के ए ग्रेड आर्टिस्ट डाॅ सुधीर शर्मा मुख्य वक्ता रहे। काॅलेज प्रिंसिपल डाॅ मीनू जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का आयोजन संगीत विभाग अध्यक्ष डाॅ नीता द्विवेदी की देखरेख में हुआ।
सुगत संगीत में हरमोनियम, तबला व गिटार की क्या भूमिका रहती है, इसके बारे में सुधीर शर्मा ने विस्तार से जानकारी दी। हरमोनियम पर गीत बजाते समय सी शार्प से डी पर कैसे आएंगे इसके बारे में बताया। साथ ही उन्होंने हरमोनियम पर लग जा गले, आएगा आएगा आने वाला आएगा सहित अन्य गीत बजा कर दिखाया। इस दौरान उन्होंने एक ही स्केल पर दो से तीन गीत बजाकर दिखाए। उन्होंने आलाप, गजल व गीत की रचना के बारे में बताया। साथ ही तीनों के आपस में समावेश की गाकर जानकारी दी। उन्होंने हरमोनियम के पाट्र्स नोट्स, स्केल, आॅक्टेव, साउंड, लो मिड, हाई मिड आदि के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने हरमोनियम के की-बोर्ड की भी विस्तार से जानकारी दी। पश्चिमी संगीत के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने पयाने कोड्स के बारे में जानकारी दी। जिसमें मेजर, माइनर स्केल की जानकारी मुहैया करवाई। संगीत तैयार करते समय म्यूजिक डायरेक्टर किस तरह एक गाने से दूसरे गाने में मिक्सिंग करते है, इसके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि संगीत के क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं है। छात्राओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
डाॅ मीनू जैन ने कहा कि तनाव व चिंता को कम करने में संगीत का अहम योगदान है। संगीत पर आधारित कई शोध इस बात कि पुष्टि कर चुके है। संगीत हमंे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखने में मदद करता है।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संगीत के क्षेत्र में छात्राओं के ज्ञान में वृद्धि करना रहा।