Sunday, December 22

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 21 फरवरी :

डीएवी गल्र्स काॅलेज के हिंदी विभाग की ओर से अंतराष्ट्रीय मातृभाषा के उपलक्ष्य में सृजनात्मक लेखनः रोजगार के आयाम विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इंडियन  नेशनल ट्रस्ट फार आॅर्ट एंड कल्चर हैरिटेज के को-कनवीनर सिद्धार्थ गौरी मुख्य वक्ता रहे। काॅलेज प्रिंसिपल डाॅ मीनू जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का आयोजन हिंदी विभाग अध्यक्ष डाॅ विश्वप्रभा की देखरेख में हुआ। सिद्धार्थ गौरी ने कहा कि कोई भी हुनर मानव के अंदर जन्मजात होता है। अनुकूल परिवेश पाकर वह निखर जाता है। व्यक्ति उसी क्षेत्र में अपना करियर चुनाव कर सकता है। मानव जन्म के साथ ही कहानी, कथा का भी जन्म होता है। परंतु आज के समय में कहानी अत्यंत विकसित विधा है। जिसके माध्यम से हम संपादन, कथाकार, संवाद लेखन, लेखक, प्रकाशक, समाचार पत्र कई क्षेत्रों में कार्य कर रहे है।

उन्होंने लघु डाॅक्यूमेंट्री फिल्म द्वारा फिल्म निर्माण व फिल्मी कहानी प्रक्रिया के विविध सोपान बताए। कहानी को आकर्षक बनाने की विधि पर विस्तार से चर्चा की। कहानी के अलग-अलग पडाव महत्वपूर्ण होते है। कई बार कम संवाद होते हुए भी ठोस कहानी और सशक्त भावाभिव्यक्ति के द्वारा फिल्म सफल हो जाती है। उन्होंने अनेक सुप्रसिद्ध फिल्मों की कहानियों पर केंद्रित करते हुए छात्राओं से चर्चा की। डाॅ मीनू जैन ने कहा कि मानव सृजनात्मक प्राणी है। वह कुछ न कुछ नया करता रहता है।   

इस प्रकार की कार्यशाला से छात्राएं नवनिर्माण प्रक्रिया सीख सकती है। मातृभाषा एक ऐसा जरिया है, जिसमें हम अपने विचारों को अलग माध्यमों से व्यक्त कर सकते है। इस दौरान कहानी लेखन प्रतियोगिता भी हुई। जिसमें एमए प्रथम वर्ष की रिधिमा बब्बर ने पहला, बी काॅम आॅनर्स द्वितीय  की नैना चानना ने दूसरा, बीए अंग्रेजी आॅनर्स की जोया ने तीसरा स्थान अर्जित किया। खुशबू व मीनाक्षी को सांत्वना पुरकार प्रदान किया।