चैरिटेबल लैब बंद कराने पहुंची प्रशासन की टीम, मेयर बैठे धरने पर
महिला कांग्रेस ने मेयर के धरने पर बैठने को बताया सियासी स्टंट
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ सेक्टर 24 स्थित भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट की क्लिनिकल लैब को बिल्डिंग वायलेशन के चलते प्रशासन की टीम सील करने पहुंची जिसकी सूचना मेयर को मिली तो वह वहां धरने पर बैठ गए।मिली जानकारी अनुसार प्रशासन के लोगों ने लैब सेंटर से सभी स्टाफ और टेस्ट कराने आए मरीजों और उनके परिजनों को बाहर निकाल दिया और लैब को खाली कराते हुए उसे सील कर दिया। इधर, प्रशासन की इस कार्रवाई को देखते हुए चैरिटेबल ट्रस्ट के डायरेक्टर और अन्य मेंबर्स मौके पर पहुंचे। इस बीच चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता भी मौके पर पहुंच गए। उनके साथ बीजेपी के सीनियर नेता रामवीर भट्टी भी मौजूद रहे। वहीं प्रशासन जब अपनी कार्रवाई से नहीं रुका तो चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता सहित चैरिटेबल ट्रस्ट के डायरेक्टर और अन्य मेंबर्स वहीं धरने पर बैठ गए और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया फिलहाल, धरने को देखते हुए प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। प्रशासन द्वारा दोबारा लैब खोल दी गई और जिसके बाद लैब में काम फिर से शुरू हो गया। बताते हैं कि, प्रशासन ने ट्रस्ट को कुछ समय की मोहलत दी है। वहीं जानकारी के अनुसार, भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट की यह लैब साल 1992 से चल रही है। ट्रस्ट के लोगों में कई राजनीतिक और गणमान्य लोग जुड़े हुए हैं।
काफी मरीज टेस्ट कराने पहुंचते हैं
बताते हैं कि, रोजाना काफी संख्या में यहां मरीजों का टेस्ट होता है। एमआरआई से लेकर सीटी स्कैन, ईसीजी इको इत्यादि टेस्ट सस्ते दामों में हो जाते हैं।
चंडीगढ़ के मेयर का धरने पर बैठना सियासी स्टंट
वहीँ दूसरी और चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दुबे ने मेयर का धरने पर बैठने को सियासी स्टंट बताया है, उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता चंडीगढ़ की जनता के सामने क्यों आंख मिचौली कर रहे हैं । जबकि चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर बीजेपी की है, चंडीगढ़ के प्रशासक व पंजाब के गवर्नर बीजेपी के हैं और चंडीगढ़ प्रशासन बीजेपी की और बीजेपी के नेताओं की बातें सुनता है, और इस समय केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है। लेकिन मेयर अनूप गुप्ता और कुछ बीजेपी के नेता धरने पर बैठकर सियासी पैंतरे के तहत वाह-वाही बटोर रहे थे कि शहर की जनता के उनसे बड़ा हितैषी और कोई नहीं है । दीपा सवाल किया कि तब क्या बीजेपी के नेताओं को नहीं पता था कि खुद की बीजेपी शासित प्रशासन द्वारा इतना पुराना भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट को सील करने के लिए आर्डर जारी करवाएं गए ? उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ सियासी ड्रामा और स्टंट ही कहा जा सकता है। उन्होंने मेयर को नसीहत दी कि वह केवल एक विशेष राजनीतिक दल के ही मेयर नहीं है बल्कि चंडीगढ़ के प्रथम नागरिक हैं और मेयर हैं उनको ऐसे धरने पर बैठना शोभा नहीं देता और चंडीगढ़ के हर हिस्से में आम जनता और मध्यम लोगों के घरों को सील प्रशासक के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है तब बीजेपी के नेता और बीजेपी के मेयर क्यों मूक दर्शक बने रहते हैं ? धरने पर बैठने की बजाए नगर सांसद से मिले, साथ ही सीनियर नेताओं की मदद से प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष बात रखे। ट्रस्ट को सील किया जाना कहीं से भी तर्क संगत नहीं है अगर वहां पर मरीजों को चिकित्सा इलाज और सुविधाएं मिलती आई हैं। दीपा ने कहा कि हमारी संवेदना ट्रस्ट में अपना इलाज कराने वाले सभी चंडीगढ़ के नागरिकों के लिए है लेकिन चंडीगढ़ बीजेपी के नेता इसको सियासी स्टंट ना बनाएं।
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From: Rakesh Shah <photorakesh3466@gmail.com>
Date: Fri, 10 Feb 2023, 20:55
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To: Rakesh Shah <photorakesh3466@gmail.com>
चैरिटेबल लैब बंद कराने पहुंची प्रशासन की टीम, मेयर बैठे धरने पर महिला
कांग्रेस ने मेयर के धरने पर बैठने को बताया सियासी स्टंट
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ सेक्टर 24 स्थित भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट की क्लिनिकल लैब को बिल्डिंग वायलेशन के चलते प्रशासन की टीम सील करने पहुंची जिसकी सूचना मेयर को मिली तो वह वहां धरने पर बैठ गए।मिली जानकारी अनुसार प्रशासन के लोगों ने लैब सेंटर से सभी स्टाफ और टेस्ट कराने आए मरीजों और उनके परिजनों को बाहर निकाल दिया और लैब को खाली कराते हुए उसे सील कर दिया। इधर, प्रशासन की इस कार्रवाई को देखते हुए चैरिटेबल ट्रस्ट के डायरेक्टर और अन्य मेंबर्स मौके पर पहुंचे। इस बीच चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता भी मौके पर पहुंच गए। उनके साथ बीजेपी के सीनियर नेता रामवीर भट्टी भी मौजूद रहे। वहीं प्रशासन जब अपनी कार्रवाई से नहीं रुका तो चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता सहित चैरिटेबल ट्रस्ट के डायरेक्टर और अन्य मेंबर्स वहीं धरने पर बैठ गए और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया फिलहाल, धरने को देखते हुए प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। प्रशासन द्वारा दोबारा लैब खोल दी गई और जिसके बाद लैब में काम फिर से शुरू हो गया। बताते हैं कि, प्रशासन ने ट्रस्ट को कुछ समय की मोहलत दी है। वहीं जानकारी के अनुसार, भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट की यह लैब साल 1992 से चल रही है। ट्रस्ट के लोगों में कई राजनीतिक और गणमान्य लोग जुड़े हुए हैं।
काफी मरीज टेस्ट कराने पहुंचते हैं
बताते हैं कि, रोजाना काफी संख्या में यहां मरीजों का टेस्ट होता है। एमआरआई से लेकर सीटी स्कैन, ईसीजी इको इत्यादि टेस्ट सस्ते दामों में हो जाते हैं।
चंडीगढ़ के मेयर का धरने पर बैठना सियासी स्टंट
वहीँ दूसरी और चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दुबे ने मेयर का धरने पर बैठने को सियासी स्टंट बताया है, उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता चंडीगढ़ की जनता के सामने क्यों आंख मिचौली कर रहे हैं । जबकि चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर बीजेपी की है, चंडीगढ़ के प्रशासक व पंजाब के गवर्नर बीजेपी के हैं और चंडीगढ़ प्रशासन बीजेपी की और बीजेपी के नेताओं की बातें सुनता है, और इस समय केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है। लेकिन मेयर अनूप गुप्ता और कुछ बीजेपी के नेता धरने पर बैठकर सियासी पैंतरे के तहत वाह-वाही बटोर रहे थे कि शहर की जनता के उनसे बड़ा हितैषी और कोई नहीं है । दीपा सवाल किया कि तब क्या बीजेपी के नेताओं को नहीं पता था कि खुद की बीजेपी शासित प्रशासन द्वारा इतना पुराना भारत विकास परिषद चैरिटेबल ट्रस्ट को सील करने के लिए आर्डर जारी करवाएं गए ? उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ सियासी ड्रामा और स्टंट ही कहा जा सकता है। उन्होंने मेयर को नसीहत दी कि वह केवल एक विशेष राजनीतिक दल के ही मेयर नहीं है बल्कि चंडीगढ़ के प्रथम नागरिक हैं और मेयर हैं उनको ऐसे धरने पर बैठना शोभा नहीं देता और चंडीगढ़ के हर हिस्से में आम जनता और मध्यम लोगों के घरों को सील प्रशासक के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है तब बीजेपी के नेता और बीजेपी के मेयर क्यों मूक दर्शक बने रहते हैं ? धरने पर बैठने की बजाए नगर सांसद से मिले, साथ ही सीनियर नेताओं की मदद से प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष बात रखे। ट्रस्ट को सील किया जाना कहीं से भी तर्क संगत नहीं है अगर वहां पर मरीजों को चिकित्सा इलाज और सुविधाएं मिलती आई हैं। दीपा ने कहा कि हमारी संवेदना ट्रस्ट में अपना इलाज कराने वाले सभी चंडीगढ़ के नागरिकों के लिए है लेकिन चंडीगढ़ बीजेपी के नेता इसको सियासी स्टंट ना बनाएं।