बड़े मकानों के साथ बच्चों को संस्कार देने भी जरूरी : कैप्टन अभिमन्यु

पूर्व वित्त मंत्री बोले : आर्य समाज की स्थापना करके स्वामी दयानंद ने आम जनमानस को दिखाई जीने की राह
आर्य समाज खांडाखेड़ी की ओर से 91वां आर्य सम्मेलन आयोजित
पवन सैनी/हिसार
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा है कि स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना करके देश को जीने की सही राह दिखाई। उनके द्वारा रचित ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश आज भी आम जनमानस का प्रेरणा स्त्रोत बना हुआ है।
कैप्टन अभिमन्यु आर्य समाज मंदिर खांडाखेड़ी में आयोजित 91वें आर्य सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। तीन दिनों तक चले इस आर्य सम्मेलन में अनेक विद्वानों ने अपने विचार रखते हुए आर्य समाज को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि खांडाखेड़ी गांव में युवाओं की मजबूत टीम है जो आर्य समाज के लिए काम कर रही है। जिसने भी आर्य समाज का सत्संग सुन लिया वह निश्चित रूप से बहुत आगे बढ़ेगा क्योंकि उसके प्रति कोई संशय नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस बच्चे में आर्य समाज के संस्कार आ गये, उसे आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता, इसलिए हमें बच्चों को अच्छे व आर्य समाज के संस्कार देने चाहिए। हम बड़े—बड़े भवन मकान तो बना लेते हैं लेकिन इसके साथ—साथ बच्चों को संस्कार देने भी जरूरी है।
कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि वर्ष 1903 में खांडाखेड़ी गांव में शास्त्रार्थ हुआ था, जिसकी अध्यक्षता राजमल जेलदार ने की थी। इसमें लाहौर सहित दूर दूर से विद्वान व हजारों लोग शामिल हुए थे। शास्त्रार्थ के दौरान मुख्यत: तीन बिंदुओं पर सहमति बनी थी जिसके तहत पिछड़े लोगों को आर्य समाज ने अपना मानते हुए उनके जनेउ धारण पर सहमति जताई थी। इसमें जाति व्यवस्था व छुआछूत को अमानवीय माना गया था। इसके अलावा नारी शक्ति के वेद पढऩे का अधिकार देने पर भी सहमति बनी थी। उन्होंने बताया कि ये सारी बातें इतिहास में लिखी हुई है। ऐसे में पूर्वजों ने हमें आर्य समाज के रूप में विरासत दी है, हमें उसे आगे बढ़ाना है।
खांडाखेड़ी गांव में तीन दिनों तक चले आर्य सम्मेलन में आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री उपदेशक, भजनोपदेशक पंडित रामनिवास आर्य, भजनोपदेशिका सुकृति आर्या व पतंजलि योग पीठ से योग शिक्षक आचार्य रमेश ने महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाले।