सरकारी उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए मांगे सुझाव
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज राज्य की सरकारी यूनिवर्सिटियों के उप-कुलपतियों के साथ मीटिंग करके उनकी बजट सम्बन्धी ज़रूरतों के बारे जानकारी ली। उन्होंने भरोसा दिया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य की सरकारी यूनिवर्सिटियों और कालेजों को मज़बूत करने के लिए वचनबद्ध है।
यहाँ वित्त योजना भवन में हुई मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस साल बजट में सभी ज़रुरी प्रबंध किये जाएंगे जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि इन यूनिवर्सिटियों को बार-बार सरकार तक पहुँच करने की ज़रूरत न पड़े। उन्होंने इन यूनिवर्सिटियों के उप-कुलपतियों को भी कहा कि वह अपना बजट तय करने के मौके पर यह ध्यान में रखें कि पंजाब के लोगों के एक-एक पैसे के साथ इन्साफ हो।
वित्त मंत्री ने कहा कि चाहे यूनिवर्सिटियां स्वायत्त संस्थाएं हैं, परन्तु कुछ सरकारी यूनिवर्सिटियाँ पिछले समय में हुई अनियमितताओं के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं, इसलिए यूनिवर्सिटियों को राज्य के नौजवानों के लिए मानक और किफ़ायती शिक्षा यकीनी बनाने के लिए भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सावधानी से बजट सम्बन्धी फ़ैसले लेने चाहिए। उन्होंने यूनिवर्सिटियों को विद्यार्थियों पर फ़ाल्तू बोझ डाले बिना अपने स्रोतों से आय कमाने के नवीनतम तरीकों पर ध्यान देने के साथ-साथ अनावश्यक खर्चों की प्रथा को त्यागने के लिए भी कहा।
यूनिवर्सिटी के नुमायंदों की तरफ से सरकार की उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए दिए सुझावों का स्वागत करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उनके सुझावों की समीक्षा करके तुरंत अपेक्षित कार्यवाही करेगी। इस दौरान उन्होंने राज्य की हर सरकारी यूनिवर्सिटी की बजट सम्बन्धी ज़रूरतों के बारे विस्तार के साथ चर्चा की और भरोसा दिया कि पंजाब सरकार उनकी उचित माँगों को पूरा करेगी।