पंचांग, 01 फरवरी 2023

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 01 फरवरी 2023 :

Jaya Ekadashi 2023: जया एकादशी पर जरूर रखें इन बातों का ध्यान, जानें क्या  करें और क्या नहीं - Jaya Ekadashi 2023 on 1 february know niyam and to do  and not

नोटः आज जया एकादशी व्रत है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा गया है, इसे भूमि एकादशी भी कहते हैं। यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है, इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को नीच योनि से मुक्ति मिलती है एवं मृत्यु के बाद भूत-प्रेत नहीं बनना पड़ता है। इस वर्ष जया एकादशी 1 फरवरी,बुधवार को है।

सनातन धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही उत्तम माना गया है। इस व्रत का पालन करने से प्राणी के सभी कष्ट दूर होते हैं,भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। इनमें जया एकादशी प्राणी के इस जन्म एवं पूर्व जन्म के समस्त पापों का नाश करने वाली उत्तम तिथि है। इतना ही नहीं,यह ब्रह्मह्त्या जैसे जघन्य  पाप तथा पिशाचत्व का भी विनाश करने वाली है । श्री विष्णु को प्रिय इस एकादशी का भक्तिपूर्वक व्रत करने से मनुष्य को कभी भी पिशाच या प्रेत योनि में नहीं जाना पड़ता और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। पदमपुराण में इस एकादशी के लिए कहा गया है कि जिसने ‘जया एकादशी ‘ का व्रत किया है उसने सब प्रकार के दान दे दिए और सम्पूर्ण यज्ञों का अनुष्ठान कर लिया। इस व्रत को करने से व्रती को अग्निष्टोम यज्ञ का फल मिलता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः माघ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष,

तिथिः एकादशी दोपहर काल 02.03 तक है, 

वारः बुधवार। 

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः मृगशिरा, 

रात्रि कालः 27.23 तक है, 

योगः ऐन्द्र प्रातः काल 11.29 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः मकर, चंद्र राशिः वृष, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.13, सूर्यास्तः 05.56 बजे।