पंजाबी गीत”तस्कर” में गन कल्चर और नशे को परोसे जाने के विरुद्ध वकील सुनील मल्लन ने खोला मोर्चा

सरकार, पुलिस प्रशासन से गायक व इस गीत से जुड़े तमाम लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग की

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़  –  31 जनवरी :

                        पिछले कुछ समय से यूथ के बीच पंजाबी गानों का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। उसकी वजह ये भी है कि इन गानों में गन कल्चर, नशा, द्विअर्थी भाषा और  मॉडल्स में छोटे छोटे कपड़े जोर शोर से परोसे जा रहे है। इससे कल्चर से कई युवा प्रभावित भी हो रहे हैं. वो इस चीज को तथाकथित स्वैग से जोड़ते हैं. यहां हथियारों का प्रदर्शन करना एक फैशन बन गया है. यहां गानों से लेकर समारोह में हथियारों को लेकर चलना आम बात है। बनिस्बत सरकार की सख्त नीति के बाबजूद भी ऐसे गीत पूरी तरह से म्यूजिक चैनल्स, विवाह शादी व अन्य समारोह में जोर शोर से बज रहे हैं। इस पर पूरी तरह से लगाम लगाए जाने के लिए एक नामी वकील सुनील मल्लन ने बीड़ा उठाया है और एक रोड मैप तैयार किया है।

                        उन्होंने आज चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता में कहा कि पंजाबी गीतों में पिछले कुछ सालों से गन कल्चर, नशा, द्विअर्थी और अभद्र भाषा और  मॉडल्स द्वारा छोटे छोटे कपड़े पहनने का प्रचलन काफी हद तक बढ़ गया है। जिसको देख देख और सुन कर युवा पीढ़ी गुमराह होती जा रही है। सुनील मल्लन ने कहा कि मौजूदा समय मे युवा ऐसे गीत संगीत से इतने प्रभावित हो रहे है कि इन्ही नक्शे कदम पर चलने की अग्रसर हैं। युवा नशे और हथियारों में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। अगर ऐसा ही रहा तो देश की युवा पीढ़ी पथभ्रष्ट हो गलत रास्ते पर चल पड़ेगी। इसके लिए ऐसे गीत संगीत पर लगाम लगाया जाना चाहिए।

                  सुनील मल्लन ने आगे कहा कि गन कल्चर पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसीलिए राज्य सरकार गन कल्चर के विरुद्ध सख्त हो गई है। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने गन कल्चर पर लगाम कसने के लिए नया आदेश जारी किया है। सार्वजनिक समारोहों, धार्मिक स्थलों, विवाह समारोहों या दूसरे किसी भी कार्यक्रमों में हथियारों को ले जाने और प्रदर्शित करने पर रोक है। सोशल मीडिया पर भी हथियारों के प्रदर्शन पर रोक है। इसके अलावा आगामी दिनों में अलग-अलग इलाकों में रैंडम चेकिंग की जाएगी। हिंसा और हथियारों का महिमामंडन करने वालों पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा। लेकिन इसके बाबजूद भी सब जगह गाने बज रहे हैं। पुलिस प्रशासन भी इन गीतों को परोसे जाने पर नाकाम हो चुका है। अपने गानों में हथियार, नशा और अभद्र भाषा पेश करने वाले गायक सिद्धू मुससेवाला, मनकीरत औलख, रैपर बादशाह और हनी सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज करवा चुके हैं। 

                        लेकिन अब हाल ही में एक नया गाना “तस्कर” म्यूजिक चैनलज पर जोर शोर से चल रहा है। जिसमे हथियार, नशा और अभद्र भाषा को पेश किया गया है। उनका कहना है कि सरकार, पुलिस और चैनल्स स्वयं क्यों इसका संज्ञान नही लेते, क्यों ऐसे गानो को चलने से नही रोकते, क्यों ऐसे सिंगर्स और गीतकार पर एक्शन लेते। उन्होंने इस गीत के गायक श्री बराड़, म्यूजिक कंपोजर, फतेह करण, माही शर्मा, वाणी, प्रेम चहल, मनीष कुमार, समीर चारेगांवकर, डी जे टीम, पोस्टर मेकिंग टीम, सी ई ओ/ एम डी ऑफ सोप्टिफाई, एप्पल म्यूजिक, विंक, रेसो,  और यू ट्यूब चैनल्स पर इस गाने को प्रोमोट करने को लेकर मुख्यमंत्री, डी जी पी और एस एसपी मोहाली से मामला दर्ज किए जाने की मांग की है।

            सुनील मल्लन ने वहीं यह भी कहा कि उन्होंने रैपर हनी सिंह के गीत “25 पिंडों” के खिलाफ 03 सितंबर 2022 को चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत दी थी। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस इस मामले पर आज तक कोई एक्शन नही ले पाई और न ही रैपर हनी सिंह के खिलाफ एक्शन लेते हुए कोई कार्रवाई की।

                        संजीव मल्लन ने आगे जोर देते हुए कहा कि अगर ऐसे गानों पर अंकुश न लगाया गया तो युवा पीढ़ी को तबाह होते देखने के अलावा कोई चारा नही बचेगा। देश, संस्कृति, संस्कार और माँ बाप का कौन सहारा होगा। वहीं उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीति के खिलाफ अगर कोई भी आगे आना चाहते हैं, वो उनसे संपर्क कर सकता है। वो अपनी टीम की तरफ से उन्हें पूरा सहयोग देंगे। वहीं युवा पीढ़ी को इस दलदल से बचाने के लिए उन्होंने इस नेक कार्य के लिए लीगल फर्टेर्निटी से युवा और फ्रेश वकीलों को भी आमंत्रित करते हुए वालंटियर तौर पर अपने साथ जुड़ने की अपील की।