मुख्य सचिव द्वारा धान की पराली को पशुओं के चारे के तौर पर इस्तेमाल करने के रास्ते तलाशने के लिए व्यापक योजना तैयार करने के निर्देश

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ की तरफ से धान की पराली का योग्य ढंग से निपटारा करने के लिए पराली को पशुओं के चारे के तौर पर इस्तेमाल करने के रास्ते तलाशने और इस संबंधी किसानों को जागरूक करने के लिए व्यापक योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

आज यहाँ पंजाब सिवल सचिवालय में मुख्य सचिव ने पशु पालन और डेयरी विकास, सहकारिता,  कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों के इलावा गुरू अंगद देव वैटरनरी यूनिवर्सिटी फॉर एनिमल सायंसेज़, लुधियाना और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना के अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से धान की पराली के प्रबंधन के लिए इन सीटू और एक्स सीटू इंतज़ाम कर रही है। इसी दिशा में पराली को पशुओं के चारे के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने पर काम कर रहा है।

मुख्य सचिव ने उक्त तीनों ही विभागों और दोनों यूनिवर्सिटियों के माहिर नुमायंदों को लेकर कमेटी बनाने के लिए कहा जो राज्य में अलग-अलग स्थानों पर डेयरी के धंधे से जुड़े प्रगतिशील किसानों के साथ संबंध कायम करके इस दिशा में काम करे। उन्होंने कहा कि जिन पशु पालकों की तरफ से पहले ही इसका प्रयोग किया जा रहा है, उनकी फीडबैक ली जाये।

प्रमुख सचिव पशु पालन, डेयरी विकास एवं मछली पालन विकास प्रताप ने मुख्य सचिव को बताया कि इस विधि के प्रयोग से जहाँ पराली का प्रबंधन सुचारू तरीके से होगा वहीं पशु पालकों को आर्थिक लाभ भी होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि इस सम्बन्धी डेयरी विकास के प्रशिक्षण केन्द्रों, कृषि विज्ञान और मिल्क यूनियनों के द्वारा किसानों को जागरूक किया जाये।

मीटिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव सहकारिता अनुराग अग्रवाल, प्रमुख सचिव पशु पालन विकास प्रताप, मिल्कफैड के एम. डी. अमित ढाका, गुरू अंगद देव वैटरनरी यूनिवर्सिटी फार एनिमल सायंसेज़, लुधियाना के वाइस चांसलर डा. इन्द्रजीत सिंह, पशु पालन विभाग के डायरैक्टर राम पाल मित्तल, कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरैक्टर जगदीश सिंह और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना के चारा ब्रीडर के इंचार्ज आर. एस. साहू भी उपस्थित थे।