2 दिन तक शहीदे आजम भगत सिंह के छोटे भाई कुलतार सिंह की सेवा का मौका मिला था : वीरेश शांडिल्य
पंचकूला। डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, अम्बाला – 19 जनवरी :
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उन्होंने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की कुर्बानियों व अंग्रेजी हुकूमत द्वारा दी यातनाओं को तो इतिहास में पढ़ा है या उनके गांव खटकड़कलां या फिर फिरोजपुर भारत पाक सीमा हुसैनीवाड़ा पर भगत सिंह का इतिहास देखा। लेकिन वह बड़े भाग्यशाली हैं कि उन्होंने वर्ष 2000 में 2 दिन तक चंडीगढ़ के पीजीआई में भगत सिंह के छोटे भाई कुलतार सिंह की सेवा की और इस दौरान उन्हें उस वक्त के हरियाणा के राज्यपाल बाबू परमानंद से भी मिलने का मौका मिला जो भगत सिंह को पीजीआई में मिलने आए थे। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि इस दौरान भगत सिंह के पारिवारिक सदस्यों से भी नजदीक से मिलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि भगत सिंह के छोटे भाई जो बीमार थे उन्होंने भगत सिंह के बारे में हमें बहुत कुछ बताया।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उन्हें गर्व होता है कि वह भगत सिंह के छोटे भाई से मिले। जिस भगत सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत की दीवारें और नीवें हिलाकर रख दी थी और 23 साल की उम्र में देश को आजादी दिलवाने के लिए भगत सिंह फांसी के फंदे को चूम गया था। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि भगत सिंह की सोच पर पहरा दे रहे हैं और जो लोग भारतीय तिरंगे को ललकारते हैं, जो शहीदों का अपमान करते हैं और जो उस पंजाब को खालिस्तान बनाना चाहते हैं, जहां भगत सिंह रहता था, वह उनके खिलाफ भगत सिंह की तरह ही आर पार की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस राष्ट्र के लिए वह शहीदे आजम भगत सिंह की तरह कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है ।