प्रदेश के पुलिस अधीक्षकों से खाकी पहनने वाली काली भेड़ों को तुरंत बर्खास्त करने का अधिकार होना चाहिए : शांडिल्य
- एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने गृह मंत्री अनिल विज सहित मुख्य सचिव और डीजीपी को लिखा पत्र : पुलिस अधीक्षकों के अधिकारों को वापस न लिया तो प्रदेश में फैल जाएगा जंगल राज
- वीरेश शांडिल्य ने कहा : हाईकोर्ट के फैसले के विरूद्ध सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करें
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, अंबाला – 18 जनवरी :
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि जो अम्बाला के पुलिस अधीक्षक जश्नदीप सिंह रंधावा ने निरंजन नाम के पुलिसकर्मी को नशा तस्करी के आरोप में तुरंत बर्खास्त किया, वह उस फैसले के साथ है। लेकिन दुख की बात है कि अम्बाला के एडीजीपी रेंज ने हाईकोर्ट के फैसले व मुख्य सचिव के आदेश के आधार पर पुलिसकर्मी को इस आधार पर बहाल कर दिया कि उसके आरोप की विभागीय जांच नहीं हुई थी। शांडिल्य ने कहा कि हाईकोर्ट ने जसवंत सिंह बनाम पंजाब सरकार व सुदेश बनाम हरियाणा सरकार में फैसला दिया है कि किसी भी कर्मी को विभागीय जांच के बिना बर्खास्त नहीं किया जा सकता। इसी आधार पर नशा तस्करी के आरोप में अम्बाला के एसपी द्वारा बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मी निरंजन को एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने बहाल कर दिया। इसमें एडीजीपी का भी कोई कसूर नहीं है। क्योंकि हाईकोर्ट की जजमेंट के आधार पर मुख्य सचिव हरियाणा ने पत्र जारी किया हुआ है कि बिना विभागीय जांच के पुलिसकर्मियों को बर्खास्त नहीं किया जाएगा। शांडिल्य ने इस फैसले को हरियाणा के हित के लिए व हरियाणा की कानून व्यवस्था के लिए खतरनाक बताते हुए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज सहित मुख्य सचिव संजीव कौशल व डीजीपी पीके अग्रवाल को एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की तरफ से पत्र लिखा और कहा कि यदि पुलिस विभाग में काली भेड़ों को नशा तस्करी करने के लिए छोड़ दिया जाएं, अपराध करने के लिए छोड़ दिया जाएं, कानून व संविधान को हाथ में लेने के लिए छोड़ दिया जाए तो हरियाणा में जंगल राज हो जाएगा तथा जो पुलिसकर्मी अनुशासन, कानून व संविधान के दायरे में रहकर जनता की सेवा कर रहे हें, उनका भी इस फैसले से मनोबल टूटा है।
वहीं अनिल विज को लिखे पत्र में वीरेश शांडिल्य ने कहा कि यदि प्रदेश के पुलिस अधीक्षकों के पास पुलिस विभाग में उन काली भेड़ों को तुरंत बर्खास्त करने का अधिकार नहीं होगा तो अनिल विज के हरियाणा में नशा तस्करी, गुंडागर्दी, गैंगस्टर, अपराधी फिर पनपेंगे। क्योंकि विभाग की कुछ काली भेड़ें अपराधियों के साथ है।
जिस हरियाणा को तीन साल में गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस के साथ मिलकर अपने खून से सींचा और प्रदेश में गुंडाराज खत्म किया, गैंगस्टर कल्चर खत्म किया। यही नहीं, तस्करों के भव्य मकान गिरा दिए, उस हरियाणा में यदि पुलिस अधीक्षकों के पास संगीन अपराध में पकड़े पुलिस कर्मियों को तुरंत बर्खास्त का अधिकार नहीं होगा तो यह हरियाणा के लिए खतरे की घंटी है। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने अनिल विज को लिखे पत्र में मांग की है कि सुदेश कुमार बनाम हरियाणा सरकार में एडवोकेट जनरल को गृह मंत्री आदेश दे कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करें और तब तक पुलिस अधीक्षकों के आदेशों को बरकरार रखा जाएं। इसके लिए यदि गृह मंत्री अनिल विज को अपनी पुलिस को हरियाणा के पौने तीन करोड़ लोगों की रक्षा के लिए संरक्षण देना पड़े तो देना चाहिए और हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव लाकर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाए क्योंकि यदि पुलिस अधीक्षकों को अपराध करने वाले अपने पुलिस कर्मियों को टर्मिनेट करने का अधिकार नहीं होगा तो अपराध बढ़ेगा। और इस बात की भी अनिल विज जांच करवाए कि आज तक सुदेश कुमार बनाम हरियाणा सरकार पर आए हाईकोर्ट के फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों नहीं दी क्योंकि कानून व्यवस्था का जिम्मा अनिल विज का है और अनिल विज ने तीन साल में हरियाणा को अमन दिया है और पुलिस की छवि जनता में बढ़ाई है।