मनुष्य को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए : रामचरण गुप्ता

  • बाबा बालकनाथ मंदिर में नववर्ष पर सत्संग व भंडारे का आयोजन

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 16 जनवरी :     

            तरसेम नगर स्थित सिद्ध बाबा बालकनाथ एवं दुर्गा माता मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नववर्ष के उपलक्ष्य में मंदिर प्रांगण में सत्संग व भंडारे  आयोजन किया।  श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए मंदिर के मुख्य सेवक रामचरण गुप्ता ने  कहा कि हमें कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। अंहकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि हमें सत्संग के लिए कुछ समय अवश्य निकालना चाहिए। सत्संग के लिए निकाला गए दो पल कभी व्यर्थ नहीं जाते। बच्चों की भी पढ़ाई के साथ-साथ धार्मिंक कार्यों में रुचि बढ़ानी चाहिए ताकि वे गलत रास्ते पर भटकने की बजाय अच्छे संस्कारवान बने।

                        उन्होंने गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में गुुरु अवश्य बनाना चाहिए। गुरु ही ऐसे हैं जो हमारी जीवन रूपी नैया को पार लगासकता है। गुरु के बिना हमारा जीवन अधूरा है। जीवन के दौरान मनुष्य के सामने आने वाली दिक्कतों को गुरु के स्मिरण मात्र से ही दूर किया जा सकता है। गुरु हमारे लिए एक मार्गदर्शक के रूप में होते हैं जो हमें सही दिशा दिखाते। जिसके पास गुरु का आशीर्वाद होता है, वह जिंदगी में कभी पीछे मुडक़र नहीं देखता।

                        राम चरण गुप्ता ने कहा कि जैसे मधुमक्खी शहद इक_ा करती ही रह जाती है लेकिन अंत में कोई शिकारी ही उस शहद को लूट जाता है। उसी तरह मानव को भी धन संचय न करके अपनी कमाई को परमार्थ कार्य में लगाना चाहिए अन्यथा धन का दुरुपयोग होता है। उन्होंने कहा कि हमें दान-पुण्य के अलावा जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए।

                        उन्होंने कहा कि हमें जीवों को यातनाएं देने की बजाय उन्हें प्यार करना चाहिए। जीव भी हमारी प्रकृति का अहम् हिस्सा है। जीव प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मानव जाति के लिए फायदेमंद होते हैं। उन्होंने कहा कि हमें बुजुर्गों का मान सम्मान करना चाहिए। बुजुर्गों के अनुभवों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

                        माता-पिता को वृद्धावस्था में बोझ न समझें। सत्संग में हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश से भी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रात्रि को भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।