मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने किया सुरेंद्र भाटिया की पुस्तक-जनभागीदारी से सिरसा का विकास का विमोचन

  • जहां जनता जागरूक वहां जनभागीदारी से हो सकते है बड़े से बड़े काम:मुख्यमंत्री
  • सिरसा के विकास में एक नया आयाम स्थापित करेगी सुरेंद्र भाटिया की पुस्तक  
  • युवाओं को समाज के प्रति जागरूक करेगी पुस्तक-जनभागीदारी से सिरसा का विकास : जगदीश चोपडा

डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट,  सिरसा :

            हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को दोपहर बाद अपने चंडीगढ़ स्थित निवास पर पल-पल के प्रधान संपादक सुरेंद्र भाटिया द्वारा लिखित पुस्तक जनभागीदारी से सिरसा का विकास का विमोचन करते हुए कहा कि  जब जनता जागरूक हो तो वह जनभागीदारी से बड़ा से बड़ा काम आसानी से कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा का संचार करेगी और समाज के प्रति उनके  दायित्वों के प्रति जागरूक भी करेगी।

            इस पुस्तक विमोचन समारोह में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण   बोर्ड के चेयरमैन  पी राघवेंद्र राव, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदीश चोपड़ा, हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर वीरेंद्र चौहान, सतीश मेहरा पीआरओ राजभवन हरियाणा,  जयपाल जस्सू सेवानिवृत्त एसपी आईबी चंडीगढ़,  राम सिंह बराड़ प्रभारी हरियाणा अजीत समाचार चंडीगढ़, दीपक बंसल ब्यूरो चीफ पंजाब केसरी चंडीगढ़, अंकित डूडानी, न्यूज 18 चंडीगढ़, जंगशेर राणा ब्यूरो चीफ चंडीगढ़, पत्रकार अखिल भाटिया आदि मौजूद थे।

            मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि यह पुस्तक सिरसा के विकास का एक दस्तावेज है, यह पुस्तक युवाओं को समाज के प्रति जागरूक करेगी। उन्होंने कहा कि जहां जनता जागरूक होती है तो वहां जनभागीदारी से बड़े से बड़े काम आसानी से हो सकते है। चौ.रणजीत सिंह ने सुरेंद्र भाटिया को बधाई देते हुए कहा कि भाटिया ने पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक  सरोकारों का दाियत्व पूरी ईमानदारी से निभाया है। संकट की घड़ी में लोगों का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र भाटिया की यह पांचवी पुस्तक है और हर पुस्तक अपने आप में एक दस्तावेज है।

            पुस्तक लेखक सुरेंद्र भाटिया वर्ष 1992 से 2020  तक नागरिक परिषद सिरसा की ओर से सिरसा के लोगों की मदद से जो  भी कार्य करवाए गए है उनका उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है। इस कार्य में विशेष रूप से तीन आईएसएस अधिकारियों की अहम भूमिका रही है जिनके  प्रयास से सिरसा के विकास कार्यो को पंख लगे।  वर्ष 1992 से 1994 तक पी राघवेंद्र राव, वर्ष 2006 से 2008 तक  वी उमाशंकर, 2012 से  2014 तक डा. जे गणेशन का कार्यकाल ऐसा रहा जब सिरसा को विकास कार्यो की एक से बढ़कर एक सौगात मिली।  इसके साथ ही अनेक कार्य नागरिक परिषद ने हाईकोर्ट की मदद से अंजाम तक पहुंचाए। हाईकोर्ट में नागरिक परिषद ने याचिका दायर कर चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय को बचाया। डेरा-सिख विवाद में नागरिक परिषद ने शांति समिति के साथ मिलकर शांति स्थापना में अहम योगदान दिया। नागरिक परिषद के सहयोग से सिरसा में स्वयंसेवी संस्था दिशा, प्रयास, वृद्धाश्रम की स्थापना हुई।  नागरिक परिषद  ने सीएम विंडो पर शिकायत डाली।  परिषद ने सरकार से 17 गांवों के किसानों को  65 करोड़ रुपये का मुआवजा दिलवाया।

            वर्ष 1992 से 94 के बीच सिरसा को चौ.दलबीर सिंह इंडोर स्टेडियम, श्रवण वाणी एवं विकलांग केंद्र, प्रयास, कुरूक्षेत्र विश्वविालय का रीजनल सेंटर  मिला। इसके बाद तत्कालीन उपायुक्त वी उमाशंकर के कार्यकाल में सिरसा को रेलवे ओवरब्रिज की बड़ी सौगात मिली साथ ही उनके कार्यकाल में नेत्र विद्यालय की स्थापना हुई। जब सिरसा में डेरा-सिख विवाद हुआ तो तत्कालीन उपायुक्त वी उमाशंकर ने जनभागीदारी से सिरसा जिला में शांति स्थापना की।

            तत्कालीन उपायुक्त डा.जे गणेशन के कार्यकाल में सिरसा को कोर्ट रोड मिली, ट्रेफिक पार्क मिला। इसके साथ ही  नागरिक परिषद  ने थेहड़ विस्थापितों के मामले में हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। यह पुस्तक आने वाली पीढ़ी को यह जरूर बताएगी कि एकअच्छा इंसान, समाज और देश के लिए हर समय सजग रहता है और वह  अपना अमूल्य योगदान देकर समाज के उत्थान में श्रेष्ठ कार्य कर सकता है।