नगर निगम की बैठक में धरने पर बैठे आप और कांग्रेस पार्षद, मार्शल ने उठाकर किया बाहर
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
मेयर सरबजीत कौर के कार्यकाल की अंतिम सदन बैठक शुरू से लेकर अंत तक हंगामेदार रही। कांग्रेस-आप के विपक्षी पार्षदों ने नारेबाजी कर मेयर को अपनी तरफ से फेयरवैल देने में कसर नहीं छोड़ी। सुबह 11 बजे शुरू हुई सदन बैठक के भीतर दोपहर 1.30 बजे तक हाई वोल्टेज ड्रामा से भरा हंगामा होता रहा। नारेबाजी और हंगामे का नजारा सदन खत्म होने तक भी जारी रही। हालांकि इस पूरे हंगामे में बाउंसर की ओर से हंगामा करने वाले पार्षदों को सस्पैंड किए जाने के साथ सदन के बाहर खदेड़ कर प्रस्ताव महज पांच से दस मिनट के भीतर पारित कराए गए। आलम यह रहा कि हंगामे के बीच सदन के सचिव को एक्ट तक पढ़कर सुनाना पड़ा। अमूमन किसी भी मेयर की अंतिम सदन बैठक में उसकी पूरे वर्ष की उपलब्धि, कार्यकाल को देखते हुए धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाता रहा है। जबकि इस बार त्रिंशकु सदन में विपक्षी पार्षद मेयर को घेरने के लिए पूरी तैयारी के साथ आए थे। जिनकी योजना धन्यवाद प्रस्ताव पर कुठराघात करने की थी।
विपक्ष ने काफी समय तक मेयर समेत भाजपा को कई मुद्दों पर घेर कर रखा। स्थिति काफी तनावपूर्ण होने पर विरोध कर रहे पार्षदों को उठाने के लिए सिविल ड्रेस में मार्शल पहुंच गए। विपक्ष ने कहा कि यह भाजपा के गुंडे हैं। इनके पहचान पत्र चैक किए जाएं। जवाब में भाजपा पार्षदों ने भी आप को गुंडे बोल कर संबोधित किया। एक तरफ हाय-हाय शर्म करो को लेकर नारेबाजी जारी रही तो दूसरी तरफ मेयर के बचाव में भाजपा पार्षदों ने जिंदाबाद के नारे लगाए।
धक्का-मुक्की के बीच पुलिस बल और मर्शाल पहुंचे
वहीं, हंगामा बढ़ता देख, मौके पर सैक्टर 17 थाने के एसएचओ ओम प्रकाश समेत पुलिस फोर्स भी पहुंच गई। पार्षद वेल से हटने को तैयार नहीं थे, जिन्हें जबरन खदेड़ा गया। कांग्रेसी पार्षद गुरप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि महिला पार्षदों के साथ धक्का-मुक्की की गई। विपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाया कि यह बीजेपी का बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का असल नारा और चेहरा है।
मेयर ने साफ किया है कि जो भी पार्षद बाहर निकाले गए, वह अगली बैठक तक सस्पैंड रहेंगे। इनमें ज्यादातर आप के पार्षद थे। वहीं बाद में आप-कांग्रेस ने हाउस का वॉकआउट कर दिया। मेयर ने दो मनोनित पार्षद सतेंद्र और गीता चाहौन को भी सदन से बाहर का रास्ता दिखाया, जबकि जो महिला आप पार्षद सदन के भीतर सीट पर से बोल रही थी, उन्हें महिला बाउंसर से सदन से बाहर किया गया।
ये ये एजेंडे हुये पारित
अगले वर्ष फरवरी में होने वाले 51वे रोज फैस्टिवल के लिए भारी-भरकम बजट को मंजूरी दे दी गई। वीरवार को निगम सदन बैठक में रोज फैस्टिवल से जुड़े सप्लीमेंट्ररी एजेंडो को मंजूरी प्रदान की गई। इस बार निगम ने फैस्टिवल को और अधिक आर्कषक बनाए जाने की दिशा में तीन दिवसीय लाइट एंड साइट इवेंट रखने का निर्णय लिया है। सप्लीमेंट्ररी एजेंडे में जो बजट मंजूरी के लिए आया था उसके लिए अनुमानित बजट 169.91 लाख था, जिसमें 50 लाख की बढ़ौतरी की मंजूरी प्रदान कर दी गई। इस लिहाज से फैस्टिवल अब 2 करोड़ के आस पास पहुंच गया। सदन बैठक में चर्चा के दौरान पार्षदों ने फैस्टिवल को और अधिक आर्कषक बनाए जाने के लिए कई तरह के सुझाव दिए।
वहीं, निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने अपने विंग के अधिकारियों को सुझाव पर अमल किए जाने की हिदायत दी। पार्षदों ने यह भी कहा कि सभी चुने हुए और मनोनित पार्षदों के मान सम्मान का भी ख्याल रखा जाए।
आजादी के अमृत महोत्सव पर आधारित रोज फैस्टिवल स्वच्छता सर्वेक्षण की गाइड लाइन पर रहेगा। पिछले वर्ष फैस्टिवल के लिए 87 लाख का बजट था, जो कि लाइट एंड साइट शो के चलते इस बार बढ़ गया है।
13 गांव और मनीमाजरा में सफाई कंपनी को ठेका देना का प्रस्ताव पारित
वहीं, सदन बैठक में 13 गांव और मनीमाजरा में सफाई कंपनी को ठेका दिए जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव को लेकर सफाई यूनियन लामबंद्ध थी। जिन्होंने अपने अधिवेशन में मेयर को भी बुलाया था, तब मेयर ने मंच से आश्वासन दिया था कि सदन का फैसला मान्य होगा लेकिन इस प्रस्तव को रद्द करवाने का प्रयास किया जाएगा। अब क्यों कि प्रस्ताव पारित हो चुका है जाहिर है सफाईकर्मियों की तरफ से विरोध के स्वर उठ सकते हैं। पार्षद हरदीप सिंह के एक सवाल के जवाब में मेयर ने कहा कि किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी।
जोन-1 का काम संभाल रही कंपनी को 32 पेड पार्किंग की जिम्मेवारी दिए जाने का प्रस्ताव डेफर :
वहीं, सदन में जोन-1 का काम रही कंपनी को 32 पेड पार्किंग का जिम्मेवारी दिए जाने का प्रस्ताव डेफर कर दिया गया। दरसरल जोन-2 की कंपनी 32 पेड पार्किंग का जिम्मेवारी संभाल रही थी, जिनकी पार्किंग फीस ब्याज मिलाकर 31 दिसंबर तक 6,76,81,928 रुपये बनता है। इसी तरह चालान की राशि 6,18,000 रुपये बकाया है। सदन में प्रस्ताव लाया गया कि पहले से शहर की 57 पार्किंग की जिम्मेवारी संभालते हुए समय पर शुल्क अदा करने वाली जोन-1 कंपनी को जोन-2 कंपनी की 32 पार्किंग की जिम्मेवारी सौंप दी जानी चाहिए। इस पर पार्षदों ने विरोध जता दिया। दोनोें कंपनियों के अनुबंध अगले वर्ष जनवरी में समाप्त होने जा रहे हैं। जोन-1 कंपनी लाइसेंस फीस जमा करवाए जाने के साथ 32 पार्किंग की जिम्मेवारी संभालने के लिए तैयार थी। पार्षदों ने इसे पॉलिसी से जुड़ा मसला गिनाया। जिसमें कहा गया कि एक कंपनी को ही पूरे शहर की पार्किंग की जिम्मेवारी नहीं दी जानी चाहिए बल्कि जोन-2 के लिए फिर से ऑक्शन या टेंडर किया जाएं। एक पार्षद का मत था कि अनुबां में एक्टेंशन तीन महीने के लिए तब तक दे दिया जाना चाहिए जबकि कोई कंपनी आॅक्शन में फाइनल नहीं हो जाती। जिनका तर्क था कि तीन महीने पार्किंग खाली होने से पहले जैसे हालात बन सकते हैं।
सामाजिक-धार्मिक समारोह जोरो वेस्ट इवेंट
वहीं, सदन में स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 को ध्यान में रखते हुए शहर भर में सामाजिक-धार्मिक समारोह के दौरान जीरो वेस्ट इवेंट को प्रमोट किए जाने के अहम प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। सभी इवेंट में स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता सर्वेक्षण गाइड लाइन का अनुसरण किया जाएगा।
भाजपा पार्षदों ने की नारेबाजी
इससे पहले भाजपा पार्षदों ने भी विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा ‘आप के गुंडे शर्म करो नहीं तो डूब मरो’ के नारे लगा रहे थे। हाल ही में प्रशासन द्वारा शहर के संपर्क सेंटर्स में 18 सेवाओं पर प्रति ट्रांजैक्शन 20 से 25 रुपए चार्ज वसूलने के आदेशों का विरोध किया जा रहा था।
मेयर ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह फोटो सैशन के लिए यह सब कर रहे हैं। उन्हें अपनी कुर्सियों पर जाकर बैठने और प्रस्ताव पर चर्चा करने को कहा गया है। सैक्टरों में घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों की पर्ची काटने के मुद्दे पर भी विपक्ष ने भाजपा को घेरा। मेयर ने कहा कि उन्हें मजबूर होेकर यह सब करना पड़ रहा है।
मेयर रूम-सदन के बाहर अंत तक डटे रहे, मीडिया गैलेरी में आए, बाउंसर-पुलिस बल ने खदेड़ा
हंगामे की स्थिति यह रही कि जिन पार्षदों को सस्पेंड कर सदन के बाहर खदेड़ दिया गया था, वह मेयर रूम के बाहर जमकर बैठ गए, जिन्होंने नारेबाजी की और जमीन पर लेट भी गए। इस बाद जब भीतर सदन की बैठक जारी रही तो आप पार्षद मीडिया गैलेरी में अचानक आए और बोलना शुरू कर दिया। इस पर मेयर ने संस्पैंड किए जाने के आदेश दे दिए और मौके पर पहुंचे बाउंसर और पुलिस बल ने उन्हें वहां से भी बाहर खदेड़ दिया।
मेयर रूम के एरिया के इर्द-गिर्द डटे रहे, मेयर सहित जो भी पार्षद सदन समाप्त होने के बाद बाहर आया शेम-शेम के नारे लगाए
हंगामे के हालात यह रहे कि मेयर रूम के एरिया के इर्द-गिर्द विपक्षी पार्षद डटे रहे। मेयर रूम के बाहर आप पार्षद और उनके नेताओं प्रेम गर्ग और प्रदीप छाबड़ा डेरा जमा लिया। इसी तरह सदन के बाहर कांग्रेस के पार्षद एकत्रित होकर नारेबाजी करने लगे।
मेयर पर लगाए गम्भीर आरोप
हाउस में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पार्षदों ने साफ कर दिया था कि वह तब तक हाउस नहीं चलने देंगे, जब तक लोगों पर थोपे जा रहे टैक्स को लेकर कोई जवाब नहीं दिया जाता। वहीं हाउस में आप की पार्षद प्रेम लता ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मेयर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है।
लोगों की जेब पर भाजपा डाका डाल रही : AAP
AAP पार्षद दमनप्रीत ने कहा कि मेयर ने वादा किया था कि शहर में पानी के रेट नहीं बढ़ने देंगी। इसके बावजूद पानी के रेट बढ़े और इसके साथ सीवरेज टैक्स भी जुड़ कर आ रहा है। भाजपा लोगों की जेब पर डाका डालने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक आम आदमी सरकार को बिजली का बिल जमा करवाने जा रहा है। रेवेन्यू दे रहा है और उसे भी उसके लिए सर्विस चार्ज देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में लगातार ऐक्सपैरिमैंट किए जा रहे हैं।
नॉमिनेटिड पार्षद पर गरीबों का हक मारने का आरोप
दमनप्रीत ने कहा कि नॉमिनेटिड पार्षद गीता चौहान बेनिफिशरी स्कीम के तहत राशन लेकर गरीबों का हक मार रही है। उन्होंने कहा कि गीता की बेटी कनाडा में पढ़ती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने लोगों को फायदा पहुंचाने में लगी हुई है।
हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन
वहीं इससे पहले हंगामे की शुरूआत तब हुई, जब भाजपा पार्षदों ने मेयर के एक साल के कार्यकाल के दौरान हुए बेहतरीन कामों की प्रशंसा की। इसी बीच कांग्रेस पार्षदों ने मेयर की कुर्सी के सामने आकर हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा जारी रहा। मेयर ने विपक्ष से कहा है कि वह हाउस को चलने दें। हालांकि देर तक विपक्ष कुर्सियों से उठ कर वेल में प्रदर्शन करते रहे।
मेयर ने यह पांच पार्षद किए सस्पेंड
सदन की बैठक मैं आज मेयर सरबजीत कौर ने पांच पार्षदों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इन में कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह गाबी ,जसबीर बंटी ,आम आदमी पार्टी के दमनप्रीत सिंह , राम चंद्र यादव , अंजू कत्याल शामिल थे। ये सभी पार्षद प्रशासन द्वारा शहर के संपर्क सेंटर्स में 18 सेवाओं पर प्रति ट्रांजेक्शन 20 से 25 रुपए चार्ज वसूलने के आदेशों का विरोध कर रहे थे। मेयर ने पहले तो इन्हे समझाया की बैठक कर मामले पर चर्चा की जाये लेकिन ये पार्षद हो हल्ला करते हुए मेयर आसन के समक्ष पहुंच गये और नारे बाजी करते हुए बैठक चलने मैं खलल डालने लगे। जब मेयर ने देखा की वे नहीं मान रहे तो मेयर ने सदन मैं मार्शल बुला लिए और उन्हें निर्देश दिया की इन पार्षदों को सदन से बाहर किया जाये। मार्शलों को इन पार्षदों को सदन से बाहर ले जाने मैं खासी मशक्क्त का सामना करना पड़ा।
मनोनीत पार्षदों ने निभाया चुने हुए पार्षदों का रोल
सदन बैठक में निगम में 9 मनोनीत पार्षदों में से अधिकतर पार्षदों ने अपने आप को चुने हुए पार्षदों जैसा दिखाया। बैठक मैं आप और कांग्रेसी पार्षद जब अपनी मांगों को लेकर हल्ला मचा रहे थे तब मनोनीत पार्षद गीता चौहान और सतिंदर सिंह खुले तौर पर भाजपा पार्षदों के समर्थन में उतर आये और उनके विरुद्ध नारेबाजी करते हुए टेबल थपथपाने लगे। सदन में एक बार तो ऐसा महसूस हुआ जैसे ये मनोनीत पार्षद ना होकर भाजपा की टिकट से ही जीत कर सदन में पहुंचे हों । बताया गया की मनोनीत पार्षदों को निगम में सलाह मशवरे के लिए नियुक्त किया जाता है लेकिन आज बैठक मैं इन पार्षदों की ओर से खुले तौर पर भाजपा के हक में बोलना दर्शा रहा था की ये सभी पार्षद कैसे भाजपा से जुड़े हुए हैं।