पूर्व मुख्यमंत्री जयराम की प्रधान मंत्री मोदी से हुई भेंट
हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 और कांग्रेस ने 40 सीटें हासिल की हैं। हिमाचल में हर पांच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज कायम रहा है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा विधायक दल की मीटिंग 21 दिसंबर को होगी। इस मीटिंग में नेता प्रतिपक्ष का चयन हो सकता है।
- जयराम बोले-मुझे जो जिम्मेदारी अब आलाकमान देगा, उसके लिए मैं तैयार हूं।
- हिमाचल की नई सरकार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पूरे तरीके से सहयोग देंगे।
अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली/शिमला :
हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सत्ता से बेदखल हो गई है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी और सरकार का गठन किया है। रिवाज बदलने का दावा करने वाली भाजपा को जनादेश नहीं मिला है। ऐसे में अब पार्टी में हार को लेकर मंथन का दौर जारी है। इसी कड़ी में मंगलवार को पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। संसद भवन में जयराम ठाकुर पीएम से मिले और हार के कारणों पर चर्चा की।
विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार का बड़ा कारण उन्होंने पुरानी पैंशन बहाली को बताया। जिस पर कर्मचारियों के एक वर्ग को नाराजगी का सामना करना पड़ा। दूसरा बड़ा कारण पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ अपनी ही पार्टी के नेताओं का चुनाव लडऩा रहा है, जिससे पार्टी को 21 स्थानों पर बगावत का सामना करना पड़ा।
कई स्थानों पर भीतरघात के कारण भी हार का मुँह देखना पड़ा। जिन पर शीघ्र गाज गिर सकती है। अब भाजपा के सत्ता में बाहर होने के बाद आलाकमान को नेता प्रतिपक्ष का चयन करना है। इसके बाद पार्टी मिशन-2024 यानि लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात के बाद कहा कि भाजपा प्रदेश में हार के कारणों का फीडबैक ले रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनकी तरफ से अपेक्षित सहयोग देने के लिए आभार जाताया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बावजूद अपेक्षित सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा कि अब भाजपा वर्ष, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी करेगी। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष के पद पर केंद्रीय नेतृत्व निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब भाजपा विपक्ष में है और पार्टी विधानसभा के अंदर और बाहर जनहित से जुड़े मामलों को उठाएगी।