दुकानदारों के गूगल-पे पर किस्तों में डलवाते थे रिश्वत, उन्हें कमीशन देकर लेते थे कैश

                        वित्त विभाग में करप्शन का नया तरीका:दुकानदारों के गूगल-पे पर किस्तों में डलवाते थे रिश्वत, उन्हें कमीशन देकर लेते थे कैश पंजाब के वित्त विभाग में बड़े स्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों के होने वाले तबादलों में नया खेल उजागर हुआ है। इसमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन प्लेटफार्म ‘गूगल पे’ के जरिए 4 साल से करप्शन का खेल चल रहा था

दुकानदारों के गूगल-पे पर किस्तों में डलवाते थे रिश्वत, उन्हें कमीशन देकर  लेते थे कैश | The shopkeepers used to get bribes in installments on Google  Pay, they used to take cash

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब के वित्त विभाग में बड़े स्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों के होने वाले तबादलों में नया खेल उजागर हुआ है। इसमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन प्लेटफार्म ‘गूगल पे’ के जरिए 4 साल से करप्शन का खेल चल रहा था। विभागीय जांच में खुलासा हुआ है कि तबादलों के लिए रिश्वत गूगल पे के जरिए ली जाती थी। इसके जरिए करीब एक करोड़ रुपए की लेन-देन के सबूत मिले हैं। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसकी पुष्टि की है।

            उन्होंने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो को भ्रष्टाचार में शामिल आला अधिकारियों व कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले का खुलासा इस संबंध में मिली शिकायतों के बाद हुआ। जांच में सामने आया कि गूगल पे के जरिये रिश्वत लेने का ये सिलसिला 4 साल से पूर्व कांग्रेस सरकार के समय से चला आ रहा है।

            चार अफसर और कर्मचारी जांच के घेरे में, रिश्वत लेने वाले अफसरों ने ऐसे जानकारों से सेटिंग की थी जो दुकानदार थे। किस्तों में गूगल पे पर उन्हें पेमेंट की जाती और अफसर दुकानदारों से कैश ले लेता। अगर दुकानदार के खाते में अलग-अलग दिनों में 20-20 हजार डाले जाते तो अफसर उनसे 35 हजार कैश ले लेता था। इससे दुकानदार को भी कमीशन मिल जाता था।

            वित्त विभाग में ट्रांसफर करनी और रुकवानी बिना पैसों के नहीं होती थी। गूगल पे का लेन-देन पकड़ में भी नहीं आता था। शुरुआती जांच में विजिलेंस ऐसे 4 अधिकारियों व कर्मियों के बैंक खातों और गूगल से होने वाली ट्रांजेक्शन की जांच में जुट गया है। आरोपियों के फोन के जरिए उनके रिश्तेदारों-जानकारों के नंबर लेकर उनके खातों की भी जांच की जा रही है।

            ट्रांसफर-पोस्टिंग को 80 हजार से 5 लाख तक की रिश्वत ली जाती थी। विभाग ने कुछ दिन पहले ही विभाग के सुपरिंटेंडेंट, सीनियर सहायक, जूनियर सहायक और सीनियर सहायक सस्पेंड किया है। इसमें भी ट्रांजेक्शन गूगल पे से ही की गई थी।

            वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने माना कि वित्त विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर पैसों के लेन-देन का खुलासा हुआ है। जांच जारी है। यह भ्रष्टाचार पूर्व सरकार के समय से चला आ रहा है।