डीएवी कॉलेज में मातृभाषा का महत्व विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर हरियाणा

            डीएवी  कॉलेज फॉर गर्ल्स यमुनानगर के हिंदी एवं पंजाबी विभाग एवं स्वदेशी भाषा शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मातृभाषा का महत्व विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे यमुनानगर के मेयर मदन चौहान मुख्य अतिथि एवं अधिवक्ता पंजाब एवं हरियाणा उच्च निदेशालय  नवीन कौशिक एवं अधिवक्ता हरियाणा विधि आयोग मुकेश गर्ग जी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे !

            मदन चौहान जी ने कहा मातृभाषा  किसी भी मानव के विचारों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है प्रशासनिक न्यायालय क्षेत्र में हिंदी भाषा का प्रयोग करने के प्रयत्न करने में आप सभी का सहयोग सराहनीय है ! भाषा ही हमारी अस्मिता, सभ्यता एवं संस्कृति को बचाये रखने का आधार है !

            मुकेश गर्ग जी ने न्याय में हिंदी विषय पर अपने वक्तव्य में कहा कि अपने भावों को दर्शाने के लिए हम विचार व्यक्त करते  है  वह भाषा है आज की भारत की विडम्बना है अपने भारत का नाम ही हम दो भाषाओं में लेते है भारत और इंडिया ! संविधान में यह संशोधन होना चाहिए हमारे देश का नाम हिंदी या अंग्रेजी हर भाषा में भारत ही होना चाहिए ! हम सभी के अथक प्रयासों से हरियाणा सरकार ने ये निर्णय लिया है कि 1 अप्रैल से न्यायालय की भाषा हिंदी होगी ताकि आम नागरिक को अपनी भाषा में न्याय मिले !

            संगोष्ठी के दूसरे वक्ता  नवीन कौशिक ने शिक्षा में मातृ भाषा  का महत्त्व विषय पर बोलते हुए कहा कि बच्चा माँ के गर्भ में मातृ भाषा को सीख लेता है जो भाषा जन्म से पहले ही मानव से जुड़ जाती है और मृत्यु के समय भी वही भाषा सुनी जाती है वह  मातृ भाषा कितनी उपयोगी  है ! मनोचिकित्सकों  का मानना है जब व्यक्ति अपनी बात अपनी मातृ भाषा के अलावा दूसरी भाषा में व्यक्त करने पड़ते है तो उस पर छः गुणा तनाव बढ़ जाता है ! हमे मातृ भाषा के विकास में योगदान देना है तभी युवा पीढ़ी को भाषा संस्कृति की विरासत दे पाएंगे !

            प्राचार्या डॉ मीनू जैन ने सभी अतिथि वृन्द का अभिवादन करते हुए कहा कि जो विदेशी भाषा एवं संस्कृति का प्रभाव हमारी युवा पीढ़ी पर दिखाई दे रहा है उसे हम अपनी मातृ भाषा का प्रयोग  प्रशासन, तकनीक,  शिक्षा आदि क्षेत्रो में कर के कम कर सकते है !

            हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. विश्व प्रभा ने कहा संस्कृतियों को अपने में समाये रखने वाला पल पल बहता नीर है भाषा ! हिंदी भाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है !

            पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. गुरशरण कौर ने कविता के माध्यम से कहा हमारे भावों विचारों को आकार देने का काम करती है भाषा !

            मदन चौहान जी ने इस दिशा में सहयोग देने   नवीन  कौशिक, मुकेश गर्ग , विशाल जॉली, रविंद्र कौशिक, दविन्द्र  जी को शॉल देकर सम्मानित किया ! इस अवसर पर विशाल जॉली , डॉ. विजय दहिया ,विभोर पाहुजा , नितिन कपूर आदि उपस्थित रहे।