गुरजीत कौर को विधानसभा चुनाव में मजबूत विकल्प के रूप देखा जा रहा है
- निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करने के लिए है कृतसंकल्प : परमजीत सिंह
- राजनैतिक पृष्टभूमि न होने पर भी गुरजीत कौर ने दिग्गजों को पछाड़ा
- क्षेत्रवासियों का समर्थन रहा तो राजनैतिक सफ़र रहेगा जारी:-परमजीत सिंह
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :
अभी हाल ही में हुए जिला परिषद के चुनाव में जिला यमुनानगर के 18 वार्डों में भाजपा,कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी के समर्थित उम्मीदवारों के साथ साथ निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना वर्चस्व स्थापित किया है। गुरजीत कौर ने वार्ड नं 4 के कुल 22680 वोट में से 8674 वोट हासिल करके जिले में विजयी उम्मीदवारों की सूची में दूसरा स्थान हासिल किया है जबकि विजयी महिला उम्मीदवार के रूप में पूरे जिले में प्रथम स्थान पर रही। जिला परिषद के वार्ड नं 4 से सिख समुदाय से सम्बंधित तथा 36 बिरादरी का प्रतिनिधत्व कर रही और भारी बहुमत से विजयी हुई गुरजीत कौर एक शिक्षित एवं निष्ठावान सदस्य हैं।
बता दें कि गुरजीत कौर विजयी 18 सदस्यों में से सिख समुदाय से सम्बंध रखने वाली एकमात्र विजयी सदस्य हैं। गुरजीत कौर के पति परमजीत सिंह व उनका परिवार इस क्षेत्र का एक ऐसा परिवार है जिसने किसान आंदोलन में भी बढ़चढ़ कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसके अलावा सभी प्रकार के धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों में भी इनका योगदान अतुलनीय रहता है।
जिला परिषद के चुनाव परिणाम यमुनानगर,रादौर, सढोरा और जगाधरी विधानसभा क्षेत्रों की भविष्य की राजनीति अर्थात विधानसभा चुनाव परिणाम तय करने का संकेत माने जाते हैं ऐसे में गुरजीत कौर का भारी मतों से विजयी होना और परिवार की राजनैतिक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद भी राष्ट्रीय पार्टियों से समर्थित उम्मीदवारों को पछाड़ना गुरजीत कौर के सुनहरे राजनैतिक भविष्य की ओर इशारा कर रहा है।
जिला में भविष्य की राजनीति की बात की जाए तो जगाधरी विधानसभा क्षेत्र में वोट संख्या की दृष्टि से पंजाबी और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अत्यधिक मानी जाती है।वहीं यदि साफ़ व स्वछ छवि के उम्मीदवार की बात की जाए तो गुरजीत कौर के परिवार को जगाधरी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है।
वार्ड नंबर 4 से चुनाव में विजयी रही गुरजीत कौर पत्नी परमजीत सिंह चगनोली ने 2600 से अधिक वोट से जीत हासिल करके राष्ट्रीय पार्टियों से समर्थित उम्मीदवारों को प्रजाति करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव को मजबूती से लड़कर एक अलग पहचान स्थापित करने वाली गुरजीत कौर किसान परिवार से हैं और राजनीतिक दृष्टि से किसी भी राजनैतिक दल से कोई सरोकार नहीं है परंतु यदि जनसमर्थन की बात की जाए तो इनके पति परमजीत सिंह एवं संपूर्ण परिवार का एक अपना सामाजिक वर्चस्व है। गौरतलब है कि जिला परिषद सदस्य गुरजीत कौर के प्रतिनिधि व पति परमजीत सिंह अपने कुशल व्यवहार और ईमानदार छवि के बल पर क्षेत्र में एक अलग पहचान रखते है।
इस बारे में जब परमजीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह किसी जाति व धर्म विशेष को आधार बनाकर चुनाव नही लड़े बल्कि सभी वर्गों के स्नेह व समर्थन से चुनाव मैदान में उतरे थे। परमजीत ने बताया कि उनका राजनीति में आने का एकमात्र उद्देश्य जनता की सेवा करना है और भविष्य में भी यदि क्षेत्र के लोग उन्हें अपना समर्थन देंगे तो वह निश्चित रूप से इस राजनैतिक सफ़र को जारी रखेंगे। फ़िलहाल परमजीत सिंह वार्ड के लोगों का आभार व्यक्त करने के लिए घर घर जाकर लोगों से मिल रहे हैं और कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष रूप से भविष्य की राजनीति में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए कार्य भी शुरू कर दिया है।