परंपरागत वेशभूषा प्रतियोगिता में रिधिमा व उर्वशी ने मारी बाजी
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :
भारतीय भाषा उत्सव के तहत डीएवी गल्र्स काॅलेज के हिंदी व पंजाबी विभाग की ओर से छात्राओं के लिए परंपरागत वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। छात्राओं ने पंजाबी, राजस्थानी, बंगाली, हरियाणवी सहित अन्य राज्यों के परिधान में भारतीय सभ्यता व संस्कृति को प्रस्तुत किया। इस दौरान आयोजित हस्ताक्षर अभियान में काॅलेज के स्टाफ व छात्राओं बढचढ कर हिस्सा लिया। कालेज प्र्रिंसिपल डाॅ मीनू जैन, वाइस प्रिंसिपल डाॅ विनीत , हिंदी विभाग अध्यक्ष डाॅ विश्वप्रभा व पंजाबी विभाग अध्यक्ष डाॅ गुरशरन कौर ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की। निर्णायक मंडल में डाॅ निताशा बजाज, पारूल सिंह व सुनामिका शामिल रहीं। छात्राओं ने जनरल कैटगिरी व प्रोफेशनल में प्रस्तुति दी।
डाॅ मीनू जैन ने कहा कि भारत पूरे विश्व मे अपने संस्कृति की वजह की मशहूर है। भारत मे उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक विभिन्न तरह की संस्कृति पनपती है। भारत को दुनिया भर मे अनेकता मे एकता का ताज इसकी संस्कृति के कारण ही मिला है। किसी भी देश को उसके यहाँ की संस्कृति से पहचाना जाता है। छात्राओं को अपनी क्षेत्रीय भाषा और मातृभाषा की नाॅलेज होना बेहद जरूरी है।
डाॅ विश्वप्रभा ने कहा कि भारतीय पारंपरिक वेशभूषा देश की संस्कृति की तरह विविध हैं। भारत में पारंपरिक वेशभूषा भी प्राकृतिक जलवायु के आधार पर पहनी जाती है। कपड़े पहनने की पश्चिमी शैली के मौजूदा प्रचलन के बावजूद, जब उत्सव और अन्य अवसर प्रचलित हैं, भारतीय पारंपरिक वेशभूषा पोशाक का पसंदीदा रूप है।
भारत में हर क्षेत्र अपनी भाषा, जीवन शैली और भोजन में अलग है और यह विविधता अपने पारंपरिक परिधान में भी परिलक्षित होती है। एमए अंग्रेजी प्रथम वर्ष की रिधिमा ने पहला, बीएसी कंप्यूटर साइंस अंतिम वर्ष की सिमरन ने दूसरा तथा बीएससी होम साइंस की श्रुति व बीएससी मैथ आॅनर्स द्वितिय वर्ष क श्रुति ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान अर्जित किया। दूसरे राउंड में बीएससी फैशन डिजाइनिंग की उर्वशी ने पहला, जसलीन व शायना ने दूसरा तथा नंदिनी ने तीसरा स्थान अर्जित किया।