इंसान का कर्म ही सबसे बड़ा सिकंदर : जैन संत आचार्य कमल मुनि जी महाराज
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 8 दिसम्बर:
यहां हुकम चंद स्ट्रीट स्थित श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ भवन में देश के जाने – माने जैन संत आचार्य कमल मुनि जी महाराज पिछले कुछ दिनों से प्रवचनों की अमृत वर्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को अच्छे ही करने चाहिए क्योंकि कर्म ही सबसे बड़ा सिकंदर है। इंसान जो पीड़ा भोग रहा हैं वह उसके कर्म फल का परिणाम है। उन्होंने कहा कि परमात्मा हमारे ही अंदर है और हम उन्हें बाहर ढुंढ रहे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि जिसने अपनी आत्मा को नहीं समझा उसने फिर कुछ नहीं समझा है।
उन्होंने कहा जिस इंसान ने अपना मन अंदर से देख लिया उसने सबकुछ देख लिया है । जैन संत आचार्य कमल मुनि जी महाराज ने प्रवचन जारी रखते हुए कहा कि हमारे मन की भावना अच्छी है तो हम किसी का बुरा सोच भी नही सकते तब हम सबका भला ही सोचेंगे ।
जैन संत आचार्य कमल मुनि जी ने कहा कि मन का चिंतन।मनन चिंतन तो सदा ही चलता है लेकिन मन को अच्छे कार्यों में लगाने और अच्छे कार्य करने के लिए मानसिक चिंतन आवश्यक है। सदा प्रसन्न रहने का यह एक बहुत ही आसान तरीका है। उन्होंने कहा कि इंसान को आत्मा दर्शन बनना चाहिए जिससे मन शुद्ध हो सके। इंसान गलतियों का पूतला है लेकिन जो इंसान फिर से गलती दोबारा करे वह जिंदगी भर परेशान रहता है। उन्होंने कहा कि गुरु कभी भी श्रद्धालु को गलत दिशा नहीं दिखाता है क्योंकि उसका मुख्य लक्ष्य ही सही मार्ग दिखाना है। एक सच्चे गुरु का जीवन इंसान कल्याणमय के लिए बना है।
उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि गुरु की कृपा अथवा उनके अनुग्रह के अनुरूप साधक को अपना मार्ग सुनकर उसी पर आगे बढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अतिरिक्त विजय बांसल चैना वाले, चांदी राम जैन, दीनानाथ गोयल, रूप लाल लोहे वाले , डा. रमेश जैन, शिवा , विजय जैन, विपन बांसल जैन, जगदीश लाल चंदभानियां, सुरेश कुमार सिंगला जैन, रोशन लाल जैन, महावीर प्रसाद जैन, रिक्क जैन सहित महिलाएं श्रद्धालु उपस्थित रहे।