डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, पंचकुला – 8 दिसंबर :
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने स्वास्थ्य विभाग के एएसएमओ डा. निर्मल सिंह सिद्धू से मुलाकात कर परिषद के बच्चों के सभी टेस्ट निशुल्क करने के बारे में चर्चा की। रंजीता मेहता ने बताया कि परिषद की ओर से शून्य से 18 वर्ष के बच्चों के सभी टेस्ट मुफ्त करने के लिए पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात हुई थी, जिसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिए थे। साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मुलाकात कर प्रदेश के सभी जिलों के सिविल अस्पतालों और उप-मंडलों में बाल संगम केंद्र के लिए स्थान/कमरा आवंटन के लिए मांग पत्र सौंपा था।
रंजीता मेहता ने बताया कि राज्य परिषद बाल संगम केंद्र भी चला रही है। जिला पलवल, रेवाड़ी, सिरसा, पानीपत और यमुनानगर के सिविल अस्पतालों में ऐसे केंद्र जहां अस्पतालों में आने वाले मरीजों के बच्चों को उनके घर से बाहर इलाज के लिए डे केयर सेवाएं प्रदान की जाती है, ताकि उनके इलाज की अवधि के दौरान उन्हें मिल सके। उनका इलाज चिंताजनक है और इस दौरान उनके बच्चों की भी उचित देखभाल की जानी चाहिए। योजना की सफलता और जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य परिषद ने हरियाणा के सभी जिलों और उपमंडलों में बाल संगम केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। रंजीता मेहता ने अनिल विज ने मांग की है कि हरियाणा के सभी जिलों और उप-मंडलों के सिविल अस्पतालों के भवनों में सिविल अस्पताल में उपचाराधीन रोगियों के बच्चों के लिए बाल संगम केंद्र स्थापित करने के लिए स्थान/कमरा उपलब्ध करवाएं, ताकि अस्पतालों में बच्चों को इलाज के दौरान परेशानी न हो।
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद एक राज्य स्तरीय है। राज्यपाल, संस्था के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष हैं। 1971 से बच्चों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वयंसेवी संगठन है। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद 22 जिलों के अपने नेटवर्क के माध्यम से बाल कल्याण गतिविधियां चला रही है। परिषदें, संबंधित उपायुक्त जिला परिषदों के अध्यक्ष होते हैं। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की स्थापना, गतिविधियों के समन्वय और मदद करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद का गठन किया गया है। राज्य परिषद बाल भवनों और मिनी बाल भवनों और अन्य परियोजनाओं/योजनाओं के माध्यम से गैर-संस्थागत सेवाएं भी प्रदान कर रही है। राज्य परिषद भी अपने बाल देखभाल संस्थानों के माध्यम से अनाथों, उपेक्षित और निराश्रित बच्चों को संस्थागत सेवाएं प्रदान कर रही है।