सूरतगढ़ : नगरपालिका के भ्रष्टाचार के विरुद्ध भाजपा नेताओं की चुप्पी रहस्यमय

 करणीदानसिंह राजपूत – सूरतगढ़ 3 दिसंबर 2022

            नगरपालिका की भ्रष्टाचार और जन विरोधी कार्रवाइयों के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल प्रदर्शन में 5 दिन की चेतावनी देने की घोषणा करने के बाद 3 महीने से चुप है। नगर पालिका सूरतगढ़ पर 24 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी ने 10 सूत्री मांग पत्र दिया था। विधायक रामप्रताप कासनिया की अगुवाई में भाजपा के सभी नेता प्रदर्शन में थे और घोषणा की थी कि 5 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

  • क्या नगरपालिका भ्रष्टाचार मुक्त हो गई या भाजपा को पालिका भ्रष्टाचार के कालवा अजगर ने निगल लिया। क्या अजगर इतना विशाल हो गया कि उसने सभी भाजपा नेताओं और संगठन को निगल लिया? अगर ऐसा हो गया है तो जिला अध्यक्ष आत्मा राम तरड़ को यहां नये पदाधिकारी बना कर भाजपा के नाम को जिंदा रखने की कोशिश करनी चाहिए।
  • 24 अगस्त 2022 को प्रदर्शन किया उसमें खूब फोटो हुए और भाषण भी हुए। वे सभी चेहरे यहां फोटो में देख सकेंगे जिनकी आवाज सुनाई नहीं पड़ रही।
  • 24 अगस्त को प्रदर्शन के बाद तीन पदाधिकारी नगरपालिका गए। गुपचुप सरेंडर हुए। नगरपालिका को मांग पूरी करने के लिए 1 माह का समय दे आए। एक माह का समय कर आए तो फिर प्रदर्शन 23 या 24 सितंबर को करना था लेकिन 24 अक्टूबर 24 नवंबर भी बीत गए। सरेंडर और क्या होता है? तीन महीने बीत गए और आगे भी बीतेंगे।
  • कांग्रेस की प्रदेश सरकार के विरुद्ध जन आक्रोश रैली निकाली जाएगी मगर कांग्रेस के नगरपालिका बोर्ड एवं अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के जनविरोधी रवैये के विरुद्ध आक्रोश नहीं फूटेगा?
  • मीडिया की आत्मा भी मर चुकी है वे भी पत्रकार वार्ता में भाजपा नेताओं से सवाल नहीं करेंगे कि राज्य सरकार के विरुद्ध रैली तो यहां विरोध के बजाय सरेंडर क्यों? अगर सरेंडर नहीं है तो क्या भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया  पूर्व विधायक अशोक नागपाल नगर मंडल अध्यक्ष ने धर्मेला कर लिया है? अगर सरेंडर नहीं धर्मेला नहीं तो फिर क्या गुपचुप होली खेल ली और पालिका बोर्ड के रंग में रंग गए? सवाल अनेक हैं और नये पैदा होते रहेंगे। कासनिया के फ्री हैंड से बनाया नगर मंडल है और भ्रष्टाचार के मामलों में एकदम चुप है।

प्रदर्शन में जो नेता कार्यकर्ता थे उनको देखलें

विधायक रामप्रताप कासनिया, पूर्व विधायक अशोक नागपाल,नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, जिले के पदाधिकारियों में शरणपालसिंह मान,श्रीमती आरती शर्मा, युवा मोर्चे के प्रेमप्रकाश राठौड़, भाषण देने वाले सुभाष गुप्ता।

  • पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू 24 अगस्त के प्रदर्शन में शामिल नहीं थे लेकिन नगरपालिका के भ्रष्टाचार और जनविरोधी रवैये पर चुप हैं। भादू कांग्रेस,निर्दलीय से भाजपा में आने और 2013 से 2018 तक विधायक रहने के बाद जिम्मेदारियों से दूर नहीं भाग सकते। वे बताएं कि चार साल से मुंह बंद का क्या कारण है?
  • सन् 2023 के विधानसभा चुनाव में बारह महीने ही शेष हैं। भाजपा गतिविधियों पर नजर रखने वाला संघ और हिंदु जागरण मंच,विश्व हिंदु परिषद यह सब देख रहे हैं और चुप हैं। यहां आक्रोश क्यों नहीं है? मोदी नाम के समर्थक लोग यह देख कर हत्प्रभ हैं।