हिमाचल में बीजेपी ने 4 पूर्व विधायकों समेत 5 नेताओं को किया निष्कासित, निर्दलीय लड़ रहे थे चुनाव
बागी विधायकों को मनाना इसलिए भी बेहद जरूरी है की अगर हम 2017 के विधानसभा चुनावो के नतीजों की समीक्षा करें तो करीब 20 सीट ऐसी हैं जिसमें हार और जीत का फासला महज 3 हजार का था, इनमें छह सीटें ऐसी थी जिन पर जीत हार का अंतर महज 1 हजार वोट रहा था। भाजपा से जुड़े रहे जिन बागी नेताओं ने नाम वापस नहीं लिए हैं, उनमें बंजार से महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह, आनी से विधायक किशोरी लाल सागर, देहरा से विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से पूर्व विधायक केएल ठाकुर, इंदौरा से पूर्व विधायक मनोहर धीमान, किन्नौर से पूर्व भाजपा विधायक तेजवंत नेगी, फतेहपुर से पूर्व सांसद कृपाल परमार, सुंदरनगर से पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर, बिलासपुर से सुभाष शर्मा, मंडी सदर से भाजपा नेता प्रवीण शर्मा, कुल्लू सदर से राम सिंह और नाचन से भाजपा नेता ज्ञान चंद शामिल हैं।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, स्शिमल/चंडीगढ़ – 31 अक्तूबर :
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने चार पूर्व विधायकों समेत पांच नेताओं को निष्कासित कर दिया है। बीजेपी की ओर से सोमवार (31 अक्टूबर) को कहा गया कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के अधिकांश उम्मीदवारों के खिलाफ स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के इन पांच कार्यकर्ताओं को अगले 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है।
बीजेपी ने जिन नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया है उनमें पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी, पूर्व विधायक किशोरी लाल, पूर्व विधायक मनोहर धीमान, प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार और पूर्व विधायक केएल ठाकुर शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन से नाराज होकर भाजपा के 20 नेता बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं। महेश्वर सिंह के पुत्र हितेश्वर सिंह, कुल्लू से राम सिंह, मंडी से प्रवीण शर्मा और कई अन्य भाजपा कार्यकर्ता अभी भी बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं के बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में डटे होने से पार्टी को नुकसान होने का अंदेशा है। लिहाजा भाजपा ने 5 बागियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
तेजवंत नेगी किन्नौर , किशोरी लाल आनी, मनोहर धीमान इंदौरा तथा केएल ठाकुर ने नालागढ़ में मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया हुआ है। फतेहपुर से भाजपा के बागी कृपाल परमार कई सालों से टिकट की मांग कर रहे हैं। टिकट न मिलने से वह बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है।
बागियों के प्रति भाजपा की कार्रवाई में देरी की चर्चा भी खूब हो रही है। पहले कहा जा रहा था कि नामांकन वापस लेने के बाद भाजपा अपने बागी नेताओं पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटने लगा। पार्टी समर्थक भी भाजपा नेतृत्व के इस रवैये से आहत थे। जिसके बाद आखिर में इन पर कार्रवाई कर दी गई।
कई नेता अभी ऐसे हैं जिनपर निष्कासन का फैसला फिलहाल नहीं हुआ है। इनमें चंबा सदर से इंद्रा कपूर, कांगड़ा में कुलभाष चौधरी, धर्मशाला में विपिन नेहरिया, जसवां से संजय पराशर, हमीरपुर से आशीष शर्मा, बड़सर में संजीव शर्मा, बिलासपुर में सुभाष शर्मा, झंडूता में राजकुमार कौंडल, नाचन में ज्ञानचंद मंडी सदर में प्रवीण शर्मा, सुंदरनगर से अभिषेक ठाकुर, कुल्लू में राम सिंह, मनाली में महेंद्र ठाकुर, बंजार में हितेश्वर सिंह, रोहडू में राजेंद्र धीरटा मैदान में हैं। इनपर अभी पार्टी ने निर्णय लेना है।