फंड लैपस नहीं होने चाहिये, विकास कामों की धीमी रफ़्तार को गंभीरता से लिया जायेगा – चीमा
- वित्त मंत्री द्वारा विभागों की तरफ से फंडों के प्रयोग की मौजूदा स्थिति की समीक्षा
- फंडों के प्रयोग की समीक्षा के लिए मुख्य विभागों के साथ होगी महीनावार मीटिंग
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने समूह विभागों को हिदायत की है कि वह अलग-अलग विकास प्रोजेक्टों और भलाई स्कीमों के लिए मुहैया करवाए गए फंडों के समय पर प्रयोग को यकीनी बनाएं जिससे राज्य के सर्वपक्षीय विकास में तेज़ी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि विकास कामों की धीमी रफ़्तार या भलाई स्कीमों की सुपुर्दगी में देरी के कारण फंडों के अप्रयुक्त रह जाने के मुद्दे को गंभीरता से विचारा जायेगा।
वित्त मंत्री ने आज यहाँ वित्त और योजना भवन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्थानीय निकाय, परिवहन और जल स्रोत विभाग के साथ विभागीय समीक्षा मीटिंगों के दौरान यह निर्देश दिए। वित्त मंत्री ने बजट प्रबंधों और अलग-अलग राज्य और केंद्र सपांसरड स्कीमों के अंतर्गत इन विभागों को मुहैया करवाए फंडों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की।
स. हरपाल सिंह चीमा ने वित्त विभाग के सीनियर अधिकारियों की हाजिऱी में उच्च स्तरीय मीटिंगों की कड़ी के दौरान विभागों के मुखियों को सभी चल रहे प्रोजेक्टों की नियमित समीक्षा को यकीनी बनाने के लिए कहा। वित्त मंत्री ने दोहराया कि राज्य का तेज़ी के साथ विकास और लोगों को बेहतर सहूलतें प्रदान करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।
वित्त मंत्री स. चीमा ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि ज़्यादातर विभागों ने अपने कामकाज में सुधार कर लिया है, जिससे विकास कामों और फंडों के प्रयोग की रफ़्तार में विस्तार हुआ है, जबकि कुछ विभागों की कारगुज़ारी संतोषजनक नहीं है और उनके पास करोड़ों रुपए के फंड अपने योग्य प्रयोग का इन्तज़ार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग सभी विभागों पर पूरी नजऱ रखेगा और वह निजी तौर पर प्रमुख विभागों की महीनावार समीक्षा मीटिंग करके उनकी कारगुज़ारी में सुधार का अध्ययन करेंगे।
वित्त मंत्री ने सार्वजनिक वित्त प्रबंधों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को यकीनी बनाने के लिए विभागों को सभी सक्रिय बैंक खातों के विवरणों और फंडों का ई. डी. एम. एस. पोर्टल पर खुलासा करने के भी निर्देश दिए।