पिछले एक दशक में समाज की बेटियों के प्रति बदली है रूढ़िवादी सोच : अलका गर्ग
सुशील पंडित, डेमोरेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 11 अक्तूबर :
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला संयोजिका अलका गर्ग ने बताया कि मैं और आप हरियाणा प्रदेश से हैं। इसलिए ज्यादा बात हरियाणा से होगी। प्रमुख बात उन विपक्षी सरकारों पर भी होगी, जिनकी बेटी विरोधी मानसिकता ने उन्हें कोख में मारने पर विवश किया। आपको विश्वास नहीं होगा कि इन विपक्षी सरकारों की अकर्मण्यता के कारण हरि के प्रदेश को कन्या भ्रूण हत्या के रूप जाना जाने लगा,उस समय वर्ष 2014 से पूर्व हरियाणा प्रदेश का लिंगानुपात 823 तक पहुंच गया। यानि 177 बेटियों को कोख में मार दिया जाता था।अक्टूबर 2014 में जब बतौर भाजपा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पदभार संभाला तो पहली बार कोई सरकार बेटियों को लेकर संवेदनशील दिखाई दी।
भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार व हरियाणा की मनोहर सरकार ने चरणबद्ध तरीके से शासन-प्रशासन में बेटियों को ताकत दी। राजनीति में 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। पंचायतों में भी 50 प्रतिशत भागीदारी की ओर कदम बढ़ाए। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में भी महिलाओं के जाने के रास्ते खोल दिए हैं, जिसके लिए उन्होंने महिला कमिशन बनाया गया। हरियाणा प्रदेश में भाजपा सरकार ने पीडीएस में महिलाओं का कोटा निर्धारित करते हुए घर के काम-काज में भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें रोजगार देने में प्राथमिकता देने की ओर कदम बढ़ाए,समाजसेवी अलका गर्ग ने बताया कि हरियाणा प्रदेश में महिलाओं के 51 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 5 लाख से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं।
महिलाओं को 5 लाख तक का ऋण दिया जाता है जिसके लिए बैंक के श्रम शुल्क को भी नि:शुल्क किया गया है। प्रदेश में वीटा केंद्र स्थापित किये हैं जिनमें 151 केंद्र महिलाएं चला रही हैं। साथ ही 500 हर हित स्टोर स्थापित किये हैं जिनमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला संयोजिका अलका गर्ग ने बताया कि गरीब लोगों के लिए बनाई अटल कैंटिन में भी 100 से से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं काम कर रही हैं।
सहकारी बैंकों के 1889 सुविधा प्रदाता केंद्रों में महिलाएं कार्यरत हैं। महिलाओं के ऋण रिवोल्विंग फंड को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किया गया है। स्वयं सहायता समूहों को 796 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत आयोजित किये गये मेलों के माध्यम से भी एक लाख रुपये की तक आय वाले परिवारों को रोजगार दिया गया है। इसके लिए महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। बैंकों में सुकन्या समृद्घि खाते हर व्यक्ति को खुलवाने चाहिए।आंगनवाड़ी केंद्रों के स्तर में सुधार के लिए प्रदेश के 4000 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले-वे स्कूलों में तब्दील किया गया है। साथ ही कामकाजी महिलाओं की सहायतार्थ 500 नये क्रैच खोले गए है। गरीब परिवारों के लिए बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपये की राशि दी जाती है जो 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर एक लाख रुपये हो जाती है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51 हजार रुपये तथा अनुसूचित जाति के परिवारों को 71 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
समाजसेवी अलका गर्ग ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में पानीपत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की जिसके सफल परिणाम मिले और छवि में सुधार हुआ। अब प्रदेश में प्रति वर्ष लिंगानुपात 930 पर पहुंच गया है। प्रदेश में उज्ज्वला योजना के तहत सवा नौ लाख गैस कनैक्शन दिए गए हैं। महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हैल्पलाईन नंबर 1091 तथा 112 सुविधा को सुदृढ़ किया गया है। वन स्टोप सेंटर तथा हर जिले में महिला पुलिस थानों की शुरुआत की गई है। महिला पुलिस की संख्या भी 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत की गई है, जिसे 14-15 प्रतिशत तक लेकर जाने का लक्ष्य है। सरकार महिला शिक्षा को समर्पित है जिसके तहत हर 20 किलोमीटर में महिला कालेज स्थापित किये जा रहे है। प्रदेश में 67 नये कालेज खोले गए जिनमें से 42 सिर्फ लड़कियों के लिए खोले गए जबकि शेष 25 कालेजों में भी सह-शिक्षा की व्यवस्था की गई। साथ ही 29 नई आईटीआई भी स्थापित की गई। खेलों में महिला खिलाडियों के सफल प्रदर्शन ने बेटियों को हौसला बढ़ाया। यही सच्चा बालिका दिवस है।