पशुपालन मंत्री द्वारा सुअर पालकों को बीमारी से बचाव के लिए सावधानी अपनाने की अपील
- बरनाला के गाँव धनौला से भेजे गए सैंपल में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि
- पहले प्रभावित हुए 6 ज़िलों से दोबारा भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आई नैगेटिव
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ 15 सितंबर :
पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज यहां बताया कि बरनाला ज़िले के धनौला गाँव से भेजे गए सुअर के नमूने में अफ्रीकी स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है, जिसके बाद इस क्षेत्र को प्रभावित जोन घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि संगरूर जिले से भी तीन संदिग्ध सैंपल भेजे गए थे परंतु सभी सैंपल नैगेटिव पाए गए है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भोपाल की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) – राष्ट्रीय सुरक्षा पशु रोग संस्था द्वारा इसकी पुष्टि की गई है।
उन्होंने कहा कि धनौला गाँव में बीमारी के केंद्र से 0-1 किमी तक के क्षेत्र को “संक्रमण जोन” और 1 -10 किमी (9 किमी) को “निगरानी जोन” घोषित किया गया है। इस क्षेत्र से कोई भी जीवित/मृत्क सुअर, सुअर का मांस या किसी भी संबंधित सामग्री को ना बाहर ले जाया जाएगा और ना अंदर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग के कर्मचारियों को निगरानी क्षेत्र में भी कड़ी नज़र रखने के निर्देश दिए गए है।
पशुपालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने छह प्रभावित ज़िलों का विवरण देते हुए कहा कि पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, एस.बी.एस. नगर ,फाजिल्का, फरीदकोट और मानसा के घोषित संक्रमित जोन में सूअरों को कलिंग की जा चुकी है ताकि बीमारी को आगे बढने से रोका जा सके । इसके बाद इन जगहों से दोबारा भेजे गए सैंपल निगेटिव पाए गए है।
कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने पशुपालकों से अपील की कि वे सुअरों को इधर-उधर ना लेकर जाएं, सुअर व्यापारियों या कारोबारियों को उनके फार्मों में आने से सख्ती से रोकें और साथ ही सुअरों की खुराक भी अपने ही फार्म में तैयार करें क्योंकि सावधानी अपनाने से ही इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।