गुलाम नबी आजाद से हुड्डा की मुलाकात पर हरियाणा कांग्रेस में राजनीति गरमाई

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM गुलाम नबी आजाद ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ दी थी। 2 दिन पहले हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा और महाराष्ट्र के पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण ने नई दिल्ली में गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी। यह तीनों ही नेता कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाने वाले पार्टी के G-23 ग्रुप से जुड़े रहे हैं। हुड्‌डा, आनंद शर्मा और चव्हाण की करीब 2 घंटे तक गुलाम नबी आजाद के साथ बैठक हुई थी। हालांकि इस बैठक में हुई बातचीत का ब्यौरा नहीं मिल पाया लेकिन, गुलाम नबी के कांग्रेस से ‘आजाद’ होने के बाद उनसे कांग्रेस के 3 बड़े नेताओं की इस मुलाकात ने कांग्रेस में खलबली मची दी।

G-23 ग्रुप में शामिल रहे हुड्‌डा

सारिका तिवारी, राजनैतिक विश्लेषक, डेमोक्रेटिक फ्रंट – चंडीगढ़ :

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके गुलाम नबी आजाद की मुलाकात से हरियाणा कांग्रेस में सियासी उबाल आ गया है। हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हुड्‌डा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल को लैटर लिखा है। सैलजा ने अपने पत्र में हुड्‌डा को शोकॉज नोटिस जारी करने की डिमांड की है।

सैलजा ने विवेक बंसल को लिखे लैटर में कहा कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर लगातार निशाना साध रहे हैं। हर दिन सवाल खड़े कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति से भूपेंद्र सिंह हुड्डा क्यों मिले? इसके लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी होना चाहिए।

कांग्रेस में कभी खास पहचान रखने वाले गुलाम नबी आजाद आज पार्टी के लिए सबसे बड़े दुश्मन हो चुके हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आजाद से मुलाकात क्या की, कांग्रेस में कोहराम मच गया। पार्टी के नेताओं ने हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कुमारी सैलजा ने तो उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर डाली है। अब इस मामले में हुड्डा ने खुद सामने आकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आजाद का कांग्रेस के साथ पांच दशक से ज्यादा साथ रहा है। वो हमारे पुराने साथी रहे हैं। हुड्डा ने वो वजह भी बताई, जिसके कारण उन्होंने आजाद से मुलाकात की।

हरियाणा में हुड्‌डा और सैलजा एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। 4 माह पहले ही हुड्‌डा ने सैलजा को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटवा कर अपने चहेते चौधरी उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनवा दिया। सैलजा को सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है, लेकिन हुड्‌डा ने दबाव बनाकर सैलजा की प्रदेशाध्यक्ष से छुट्‌टी करा दी। इसके बावजूद सैलजा कभी खुलकर नहीं बोलीं। अब हुड्‌डा की आजाद से मुलाकात के बाद सैलजा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

उधर हुड्‌डा से नाराज होकर पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन के खिलाफ वोट डालने के बाद कुलदीप ने आदमपुर विधानासभा सीट से कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। कुलदीप 1 माह पहले भाजपा जॉइन कर चुके हैं।

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हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला और पूर्व CM बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी भी हुड्‌डा विरोधी गुट में हैं। 10 साल हरियाणा का CM रहते हुड्‌डा और सैलजा की कभी नहीं बनी।

कुमारी सैलजा ने कहा कि उन्होंने हाईकमान से मांग की है कि इस मामले का संज्ञान लें, क्योंकि मुलाकात का समय सही नहीं है। अब गुलाम नबी आजाद कांग्रेस मे नहीं हैं। जिस तरीके से गुलाम नबी आजाद ने पिछले दिनों कांग्रेस को छोड़ा।

पूर्व प्रदेश अध्यक्षा ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कांग्रेस के खिलाफ उन्होंने बहुत सारी बातें बोली उसके बाद गुलाम नबी आजाद से जाकर मिलना यह कहीं न कहीं हरियाणा और कार्यकर्ताओं में गलत मैसेज छोड़ता है, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। कांग्रेस को इस पूरे मामले में संज्ञान जरूर लेना चाहिए। सैलजा ने कहा कि उन्होंने अपनी भावनाओं से पार्टी हाईकमान को अवगत करा दिया है। अब यह पार्टी को देखना है।