नालों के अतिक्रमण हटा दिए जाने के झूठे जवाब नगरपालिका सूरतगढ़ ने भिजवाए
- मुख्यमंत्री को की शिकायतें जो उनके कार्यालय के संपर्क पोर्टल पर दर्ज हुई उनके झूठे जवाब. बाजारों में नालों पर अतिक्रमण कायम।
करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सुल्तानपुर :
नगर पालिका सूरतगढ़ प्रशासन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को की गई नालों के अतिक्रमण संबंधी शिकायतों पर अतिक्रमण हटाए जाने की झूठी रिपोर्ट लगातार भेज रहा है।
सूरतगढ़ के मुख्य बाजारों में दुकानों के आगे नालों पर पक्के निर्माण करके अतिक्रमण किया हुआ है जिन को हटाने की मांग हो रही है लेकिन शिकायतों पर नगर पालिका ने अतिक्रमण नहीं हटाए और अतिक्रमण मौजूद हैं।
नगरपालिका प्रशासन कार्यकारी अधिकारी से झूठी रिपोर्ट है मुख्यमंत्री कार्यालय के संपर्क पोर्टल पर भिजवा रहा है।
इन रिपोर्टों में अतिक्रमण हटाने और उसके फोटो भिजवाई गई हैं।
सच्चाई यह है कि वर्षा में सिटी पुलिस थाने के आगे गंदगी फैलने के बाद केवल पुलिस स्टेशन के आगे के 200 फीट के करीब क्षेत्र में गुमटियों के आगे नालों की पट्टियां हटाकर सफाई करवाई गई थी और उनके उनके फोटो खिंचवाए गए वे फोटो भिजवाए गए हैं तथा निरंतर लिखा जा रहा है कि नालों के अतिक्रमण करके सफाई करवा दी गई है।
सूरतगढ़ के मुख्य बाजारों के नालों के अतिक्रमण कहीं से भी नहीं हटाए गए हैं।
रेलवे रोड स्टेशन से महाराणा प्रताप चौक तक, महाराणा प्रताप चौक से भगतसिंह चौक,
भगतसिंह चौक से भग्गुवाला कुआ भारतमाता चौक,भारतमाता चौक से नेशनल हाईवे तक,
बीकानेर रोड इंदिरा सर्कल से महाराणा प्रताप चौक होते राठी स्कूल अंडर ब्रिज तक, पुराना बस स्टैंड, करनाणी धर्मशाला क्षेत्र,आदि के नालों पर अतिक्रमण कायम है। इनके अलावा भी नालों के अतिक्रमण मौजूद हैं।
नगर पालिका प्रशासन अधिशासी अधिकारी के यहां से रिपोर्ट जानी चाहिए लेकिन कार्यकारी अधिकारी के नाम से झूठे जवाब भेजे जा रहे हैं। शिकायत पर कोई दंडात्मक कार्यवाही हुई तो कार्यकारी अधिकारी भी लपेटे में होगा।
नगर पालिका की ओर से दुकानों के आगे अभी भी नालों पर पक्के निर्माण के अतिक्रमण नहीं हटाए गए। अतिक्रमण कायम हैं। नगरपालिका में दो जेसीबी मशीनें हैं जो अतिक्रमण हटाने के लिए घोषणाएं कर खरीदी गई थी।
- परिवाद क्रम: 072233413220230,
- परिवाद क्रम: 072205213250325,
- परिवाद क्रम: 072205213063496,
झूठे जवाबों पर नगरपालिका प्रशासन के विरुद्ध
सख्त कार्यवाही की जाने और उप निदेशक स्थानीय निकाय बीकानेर से जांच करवाने की मांग की गई है। उप निदेशक स्वयं किसी रविवार को मौका देखें और रिपोर्ट तैयार करें।