नगर पालिका व नगर परिषद सीमा से बाहर अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए आवेदनों की करेगी जांच-उपायुक्त महावीर कौशिक

  • डेवलपर्स और आरडब्ल्यूए छह महीने की अवधि के भीतर अपने क्षेत्र को नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्र के रूप में घोषित करने के लिए कर सकते हैं आवेदन
  • – आवेदन ना करने वाली कॉलोनियों बनी रहेंगी अनधिकृत/अवैध

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला – 24 अगस्त :

उपायुक्त महावीर कौशिक ने कहा कि बुनियादी सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं और नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करवानेे और नगर – निगम, नगर पालिका व नगर परिषद सीमा से बाहर अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए प्राप्त आवेदनों की जांच हेतू एक जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी का गठन किया गया है।

उपायुक्त महावीर कौशिक आज लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे

पंचकूला के उपायुक्त जिला स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष है जबकि जिला नगर योजनाकार समिति के संयोजक हैं। कमेटी के अन्य सदस्यों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ), लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) के कार्यकारी अभियंता,  जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता, जिला अग्निशमन अधिकारी, पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता और उपायुक्त कार्यालय के तहसीलदार शामिल है।

  • नियमित होने वाली काॅलोनियों में हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा करवायें जायेंगे विकास कार्य

उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हरियाणा नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों के प्रबंधन (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2021 के तहत नगर-निगम, नगर पालिका व नगर परिषद सीमा से बाहर अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए और नागरिक सेवायें और बुनियादी सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं और नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए नीति अधिसूचित की गई है। यह नीति निकाय की सीमा से बाहर, निजि भूमि पर विकसित उन अवैध काॅलोनियों पर लागू होगी, जिनमें निर्माण अथवा विक्रय 1 जुलाई 2022 से पहले का है। इस नीति के तहत नियमित होने वाली काॅलोनियों में हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा विकास कार्य करवायें जायेंगे।

  • संबंधित डवैल्परस या रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन छह महीने की अवधि के भीतर कर सकते है आवेदन

उन्होंने कहा कि संबंधित डवैल्परस या रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन इस नीति की अधिसूचना की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर अपने क्षेत्र को नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्र के रूप में घोषित करने के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। इसके बाद किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने और शुल्क के पूर्ण और अंतिम भुगतान के बाद ही आवेदक की कॉलोनी/क्षेत्र को नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाएगा।

  • विकास एजेंसी द्वारा प्राप्त आवेदनों को एक सप्ताह के भीतर जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी को भेजा जायेगा

उन्होंने आवेदनों की जांच की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि विकास एजेंसी द्वारा प्राप्त आवेदनों को एक सप्ताह के भीतर जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी के सभी सदस्यों को भेजा जायेगा। समिति आवेदक की उपस्थिति में समय-समय पर बैठक करेगी और यदि दस्तावेजों में कोई विसंगति पाई जाती है, तो आवेदन प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने के भीतर आवेदक को अवगत करवाया जायेगा। आवेदक को एक महीने के भीतर आवश्यक दस्तावेज जमा करवाने होंगे। आवेदक द्वारा समिति की अनुशंसा प्राप्त होने और निर्धारित समय के भीतर डिमांड नोटिस की अनुपालना के बाद, उपायुक्त द्वारा संबंधित क्षेत्र/कॉलोनी को नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने के लिये प्रस्ताव  अधिसूचना के प्रारूप के साथ मंडलायुक्त को भेजा जायेगा। इसके पश्चात मंडलायुक्त द्वारा संबंधित क्षेत्र को घोषित क्षेत्र अधिसूचित करने के लिये प्रस्ताव को अपनी सिफारिशों सहित निदेशक को भेजा जायेगा।

 
बैठक में बताया गया कि ऐसी कॉलोनियां जो नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों के रूप में घोषित करने के लिए आवेदन जमा नहीं करेंगी, वे अनधिकृत/अवैध बनी रहेंगी और सक्षम प्राधिकारी द्वारा ऐसे क्षेत्रों/कॉलोनियों के खिलाफ प्रासंगिक अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन कॉलोनियों और क्षेत्रों में जलापूर्ति और अन्य सेवाओं जैसे सीवरेज, ड्रेनेज, बिजली आदि के लिए कोई कनेक्शन प्रदान नहीं किया जाएगा।

बैठक में जिला नगर योजनाकार गुंजन वर्मा, सहायक नगर योजनाकार पंकज बेनिवाल, लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) के कार्यकारी अभियंता गौरव जैन, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता विकास लाठर, दमकल अधिकारी तरसेम, नायब तहसीलदार हरदेव सहित संबंधित विभाग के अन्य अधिकारी शामिल थे।