विधायक घनश्याम दास अरोड़ा और शिक्षा मंत्री कंवर पाल के निवास पर प्रदर्शन कर जुमला मालकान मुस्तरका मालकान देह शामलात जमीनों को लेकर ज्ञापन दिया
कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :
भारतीय किसान यूनियन ने यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा और शिक्षा मंत्री कंवर पाल के निवास पर प्रदर्शन कर जुमला मालकान मुस्तरका मालकान देह शामलात जमीनों को लेकर ज्ञापन दिया। रोष प्रदर्शन किसान यूनियन जिला अध्यक्ष संजू गुंदियाना, जिला महासचिव गुरबीर सिंह व मनदीप रोड छप्पर ने की अगुवाई में किया गया। रोष प्रदर्शन कर ज्ञापन देने में जिले के सैंकड़ों किसानों ने भाग लिया।
किसानों द्वारा दिए ज्ञापन में किसानों की मुख्य मांग वित्त आयुक्त हरियाणा के पत्र क्रमांक डीएलआर-7202 दिनांक 21.06.2022 को वापिस लेते हुए विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाकर शामलात-देह व जुमला-मुस्तरका मालकान भूमि का मालिकाना हक़ काश्तकार व क़ाबिज़ काश्तकारों को देने को लेकर स्पेशल सत्र में कानून में संशोधन कर किसानों की मांग पूरी की जाए । जिला अध्यक्ष संजु गुंदीयाना ने बताया कि शामलात देह व जुमला मुस्तरका मालकान भूमि के मालिकाना हक़ काश्तकार किसानो से वापिस लेकर पंचायत को देने के सम्बंध में वित्त आयुक्त हरियाणा का पत्र क्रमांक डीएलआर-7202 दिनांक 21-06-2022 को सभी ज़िला उपायुक्तों को जारी हो चुका है। जिसके अनुसार सभी शामलात देह, शामलात देह हसब रसद ज़ेर खेवट व शामलाट देह हसद रसद पैमाना मलकियत व जुमला मुस्तरका मालकान की सभी ज़मीनो की मालिकाना हक काश्तकार किसानो से वापिस लेकर पंचायत व नगरपालिकाओं के नाम किया जाएगा व प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश की कुछ तहसीलो में ऐसी उक्त जमीनो के इंतक़ाल तोड़कर पंचायतो के नाम किए भी गए है।
प्रशासन ने क़ाबिज़ काश्तकारों को ज़मीन ख़ाली करने के नोटिस भेजने भी शुरू कर दिए है। जबकि माल रिकार्ड के अनुसार किसान इन ज़मीनो पर पीढ़ियों से काश्त कर रहे है और देह शामलात की ज़मीन पर आज़ादी से पहले भी किसानो का पूरा मालिकाना हक़ था व किसान इन जमीनो को ख़रीद बेच सकते थे व आड़ रहन भी करते थे। उक्त जमीनों की गिरदावरी भी कई पीढ़ियों से किसानो के नाम है और जुमला मालकान भूमि ज़मीन इस्तेमाल के समय किसानो की मालकियत ज़मीन में से कट लगाकर गाँव के साँझे काम के लिए ली गई थी। जिसका किसी भी किसान को कोई भी मुआवज़ा नहीं दिया गया। सन 1992 में सरकार ने पंजाब वीलेज कामन लैंड एक्ट 1961 में संशोधन कर जुमला-मुस्तरका मालकान ज़मीनो को पंचायती जमीन करार दे दिया था। जिसे माननीय पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय (चंडीगढ़) में किसानो द्वारा चुनौती दी गई थी व माननीय उच्च न्यायालय ने फ़ैसला किसानो के पक्ष में दिया था की जुमला-मुस्तरका मालकान ज़मीन हिस्सेदार किसानो की मलकियत है।
उक्त सभी जमीनों को उनके हिस्सेदारों में तकसीम कर दिया जाए किंतु इसके उपरांत सरकार ने इस फैसले के खिलाफ माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की और अब सरकार ने पहले रेवेन्यू सेट्टेलेमेंट के अनुसार सभी मुस्तरका-मालकान व शामलात-देह की सभी तरह की ज़मीनो को पंचायत-देह में तबदील करने का आदेश दे दिया है जो कि न्याय संगत नहीं है। जिससे उक्त शामलात देह व जुमला मुस्तरका मालकान ज़मीनो पर पीढ़ियों से काश्त कर रहे किसान बेदख़ल हो जाएँगे व उनकी भूमि उनसे छिन जाएगी। जबकि इन जमीनो पर आज़ादी से पहले भी किसान काबिज थे और उक्त ज़मीन के हिस्सेदार के रूप में मालिक भी थे।
उक्त ज़मीनें बहुत बार आगे ख़रीदी बेची भी जा चुकी है व इस भूमि पर मकान, दुकान, फ़ैक्टरी भी बनाई हुई है। इसलिए ये फ़ैसला किसानो व आमजन के हित में नहीं है। किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि माननीय विधायक जी आप हमारे विधानसभा हल्का के नुमाइंदे है और इस हल्का के जन मानस ने आपको चुनकर विधान सभा में अपने हक़ों की पैरवी करने के लिए भेजा है। इसलिए आप का नैतिक कर्तव्य बनता है कि आप अपने इलाक़े के लोगों की आवाज़ सरकार के समक्ष बुलंद करे व उनके हक़ सुरक्षित करें।
अंत आपसे निवेदन है कि किसानो व आम जन की समस्या व जनभावनाओं को मद्देनज़र रखते हुए आप हरियाणा सरकार से विधानसभा का स्पैशल स्तर बुलाकर पंजाब विलेज कामन लैंड एक्ट 1961 में संशोधन कर शामलात देह व जुमला-मुस्तरका मालकान ज़मीनो का मालिकाना हक़ उक्त ज़मीन पर क़ाबिज़ व पीढ़ियों से काश्त कर रहे किसानो को वापिस देने की अपील करें। इस मौके पर युवा अध्यक्ष संदीप टोपरा, राजकुमार सीपियावाला, गुरमेज कपूरी, पवन संधाय, रमेश, कृष्णपाल सुढल, जगतार सिंह, बिट्टू तेजली, मनोज, शिवचरण, हवा सिंह, प्रवीण, राजीव, जीत, कश्मीरी लाल अंबली, गौरव, सतिंदर, रणबीर व जसवीर व जिले के सैकड़ों किसान मौजूद रहे।