पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्राटिक फ्रंट : 13 अगस्त 2022
नोटः प्रतिपदा तिथि का क्षय है।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः भाद्रपद़,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः द्वितीया रात्रि काल 12.54 तक है।
वारः शनिवार,
नक्षत्रः शतभिषा रात्रि 11.28 तक है,
योगः अतिगण्ड प्रातः 04.28 तक,
करणः तैतिल,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः कुम्भ,
सूर्योदयः 05.54, सूर्यास्तः 06.58 बजे।