कुलदीप बिश्नोई BJP में शामिल और बोले हम मान सम्मान और प्यार के भूखे हैं लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं को सम्मान ज्यादा देना

कुलदीप बिश्नोई ने विधायक पद छोड़ने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया है। लंबी बगावत के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया था।  हाल ही में कांग्रेस में हुए फेरबदल के दौरान प्रदेश अध्यक्ष पद पर नाम को लेकर विचार नहीं करने के चलते वह बागी हो गए थे। खबर है कि उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर सीट पर उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर मैदान में उतर सकते हैं।

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला/नई दिल्ली – 4अगस्त :  

हरियाणा के विधायक पद से इस्तीफा देने वाले कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने दिल्ली में सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन की। बिश्नोई को जून में कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था।  कांग्रेस का दामन छोड़ने के बाद गुरुवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। कुलदीप बिश्नोई के साथ उनके साथ उनके बेटे भव्य बिश्नोई, मां जसमा देवी व पत्नी रेणुका बिश्नोई भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

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इस मौके पर हरियाणा CM मनोहर लाल ने कहा कि, “मैं दोनों का स्वागत करता हूं। हरियाणा के विकास में कुलदीप बिश्नोई ने सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने पहले ही इच्छा जताई थी कि मिलकर चलना चाहिए। हमारी पार्टियों ने चुनाव इक्ट्‌ठा लड़ा था। उम्मीद है कि अब कुलदीप हमारे साथ मिलकर भाजपा का विकास करेंगे।”

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, “कुलदीप ने जब पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई तो मैंने पूछा कि कोई शर्त है तो कुलदीप ने कोई शर्त नहीं रखी।” प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि, “पार्टी को इनके आने से मजबूती मिलेगी। कांग्रेस में दो दो प्रदेशाध्यक्ष को काम नहीं करने दिया गया। जिसकी वजह से बहुत सारे नेताओं की अंतरात्मा कांग्रेस में जगेगी।”

कुलदीप ने कहा कि, “सीएम मनोहर लाल महान व्यक्तित्व के धनी है। 8 साल कोई सीएम रहा तो उस पर दाग लग जाते हैं, परंतु ये बेदाग है। ओपी धनखड़ मेरे पुराने मित्र रहे हैं। मेरे परिवार को चाहे मान सम्मान कम देना, परंतु मेरे कार्यकर्ताओं को सम्मान ज्यादा देना।” कुलदीप ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की भी प्रंशसा की। कुलदीप ने कहा कि, “मेरे साथी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पार्टी के लिए काम करेंगे। हम मान सम्मान और प्यार के भूखे हैं।”

कुलदीप बिश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद कहा था कि, “आदमपुर हलका ने करीब 27 साल वनवास काटा है। अब हलका का वनवास खत्म हो गया है।” उन्होंने कहा कि, “आदमपुर हलका की जनता की मांग पर इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा था कि आदमपुर हलका की जनता ने जिस प्रकार से सदैव उनके परिवार को अपना आशीर्वाद दिया है, उसका मुकाबला और कोई हलका नहीं कर सकता है। इसलिए अब आदमपुर हलका की जनता को सत्ता में भागीदारी दिलाने का काम करना है।”

अलविदा कांग्रेस। युद्ध के मैदान में मिलते हैं : भव्य बिश्नोई

उन्होंने कहा कि, “आदमपुर हलका के विकास में अब कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी और विकास के मामले में आदमपुर एक बार फिर उदाहरण बनेगा।” कुलदीप बिश्रोई ने कहा था कि, “जिन लोगों ने आदमपुर हलका की जनता को बांटने का प्रयास किया और हलका को कमजोर करने का काम किया है, उनको अब जवाब देने का समय आ गया है।”

कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देते ही उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि अलविदा कांग्रेस। युद्ध के मैदान में मिलते हैं। भव्य ने ट्विटर पर एक पत्र भी लिखा है।

भव्य ने कहा कि, “कुछ लोग तर्क देते हैं कि कांग्रेस ने उनके परिवार को बहुत कुछ दिया। उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि मेरे दादा जी युगपुरुष स्वर्गीय भजन लाल ने कांग्रेस पार्टी को सब कुछ दिया। 4 बार हरियाणा में कांग्रेस को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आखिरी बार 2005 में जब भूपेंद्र हुड्‌डा ने मेरे दादा के श्रम का फल बेशर्मी से खाया था, तब हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में लगातार गिरावट आई है।”

कई प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। मेरे पिता कुलदीप बिश्नोई ने 2016 में हजकां का कांग्रेस में विलय इस उम्मीद में किया था कि उनकी क्षमताओं और लोकप्रियता को भी केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व स्वीकार करके पार्टी की संपत्ति के रूप में उनका उपयोग करेगा और यह एक उम्मीद नहीं थी, बल्कि पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी प्रतिबद्धता थी, जो पार्टी नेतृत्व द्वारा उनसे की गई थी, लेकिन पार्टी ने विश्वासघात किया।”

“पिछले 6 सालों में पार्टी नेतृत्व ने उनकी क्षमता को बर्बाद किया और उनसे किए गए अपने वादों से मुकर गए। मेरे पिता लालची नहीं है, बल्कि परिणाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरा परिवार, जिसने हमेशा मानव सेवा के साधन के रूप में राजनीति का अनुसरण किया, कांग्रेस में घुटन महसूस कर रहा है। इसलिए ऊपर बताए गए कारणों से अपने मतदाताओं, कार्यकर्ताओं व शुभचिंतकों से परामर्श के बाद ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।”