कांग्रेस के तीन नेताओं द्वारा दिए गए बयान ‘बदनाम करने वाली प्रकृति के और दुर्भावनापूर्ण इरादे से दिए गए फर्जी प्रतीत होते हैं : दिल्ली उच्च न्यायालय

उच्च न्यायालय ने कहा कि कांग्रेस के तीन नेताओं द्वारा दिए गए बयान “बदनाम करने वाली प्रकृति के और दुर्भावनापूर्ण इरादे से दिए गए फर्जी प्रतीत होते हैं, जिनका मकसद जानबूझ कर ईरानी को ‘व्यापक सार्वजनिक उपहास’ का पात्र बनाना और भाजपा नेता व उनकी बेटी के नैतिक चरित्र व सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाना था।” उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी कांग्रेस के तीन नेताओं के खिलाफ महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी द्वारा दायर दीवानी मानहानि के मुकदमे में अपने समक्ष पेश किये गए दस्तावेजों पर गौर करते हुए की। उच्च न्यायालय का 29 जुलाई का यह आदेश सोमवार को अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। अदालत ने अपने आदेश में दीवानी मानहानि मामले में कांग्रेस के तीन नेताओं को समन जारी किए थे।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, गोवा/नई दिल्ली :

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से गोवा बार विवाद मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश की एक कॉपी आज अपलोड हुई है। इसके अनुसार कोर्ट ने दस्तावेजों के आधार पर ये माना है कि केंद्रीय मंत्री ईरानी या उनकी बेटी के नाम पर किसी बार का लाइसेंस नहीं है, न ही वे किसी रेस्‍त्रां या बार की मालिक हैं। कोर्ट ने ये भी माना कि उनकी बेटी ने कभी भी लाइसेंस के लिए आवेदन ही नहीं दिया है।

वहीं गोवा सरकार की ओर से दिए गए शो कॉज नोटिस में भी स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के नाम पर जारी नहीं किया गया है। कोर्ट के अनुसार पहली नजर में ये लगता है कि याचिकाकर्ता स्मृति ईरानी ने जो कागजात पेश किए हैं वो उनका पक्ष मजबूत करते हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में ये कहा कि अगर कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया ट्वीट/पोस्ट को सोशल मीडिया पर रहने देते हैं तो उससे स्मृति ईरानी और उनके परिवार की छवि को गहरा नुकसान पहुंचेगा।

इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक ट्वीट व पोस्ट को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री इरानी ने मानहानि मुकदमे दायर किया है। इरानी ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दीवानी मानहानि मुकदमा दायर कर दो करोड़ रुपये का हर्जाना की मांग की है।

याचिका पर कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं को निर्देश दिया कि 24 घंटे के भीतर इरानी और उनकी बेटी के खिलाफ लगाए गए ट्वीट, री-ट्वीट, पोस्ट, वीडियो और फोटो हटाने का निर्देश दिया है। ऐसा न करने पर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर, फेसबुक और यू-ट्यूब को स्वयं सामग्री को हटाने को कहा है।