हिंदु तीर्थ पुष्कर ब्रह्मा मंदिर को मेड़ता एवं सवाईमाधोपुर की रेललाईनें बना जोड़ा जाए
करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ :
राजस्थान में पुष्कर तीर्थ स्थित ब्रह्मा मंदिर विश्व का प्राचीनतम हिंदू मंदिर है जो देश की आजादी के बाद से अब तक महत्वपूर्ण रेल सेवाओं से जुड़ा हुआ नहीं है।
पुष्कर को मेड़ता सिटी से और अजमेर होते हुए सवाई माधोपुर तक नई रेलवे लाइनों से जोड़ने की मांगे सालों से चल रही है,मगर राजनीतिक दबाव नहीं होने के कारण सर्वे होने के बावजूद बनाई नहीं जा रही। रेलवे भारत सरकार का विभाग होने के कारण राजस्थान के सांसद प्रयास करें तो वर्तमान नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में 2022 से ही बंद पड़े बस्ते तुरंत ही खुल सकते हैं।
मेड़ता रोड महत्वपूर्ण रेलमार्ग का स्टेशन है। मेड़ता रोड से मेड़ता सिटी तक रेलवे लाइन बनी हुई है। इसके बाद केवल 62 किलोमीटर की ही दूरी पर पुष्कर है जहां तक नई रेलवे लाइन निर्माण की आवश्यकता है। करीब बीस तीस सालों से यह मांग उठाई जा रही है मगर राजनीतिक दबाव के अभाव में यह बंद बस्ते में है। मेड़ता सिटी और अजमेर के जुझारू लोग इस मांग को उठाते रहे हैं। इस रेलवे लाइन का सर्वे भी हो चुका है इसके निर्माण का खर्च करीब 350 करोड़ रुपए अंक आ गया था। वर्तमान में करीब 500 करोड़ के लगभग हो सकता है। यह बहुत बड़ी रकम नहीं है लेकिन एक आशंका है कि किसी षड्यंत्र के कारण यह बहुत कम दूरी की रेल लाइन बनाई नहीं गई। रेलवे ने इस पर कोई इंटरेस्ट नहीं लिया है। जनता की मांगअभी भी है। मेडता भी धार्मिक स्थल है। यहां के संगठन इस रेल लाईन निर्माण कराने के लिए आज भी लगे हुए हैं।
इसी तरह से सवाई माधोपुर से वाया टोंक केकड़ी होते अजमेर तक की रेलवे लाइन जो करीब 165 किलोमीटर है। अजमेर तक बनाने के लिए इसका सर्वे हो चुका है। इस रेल लाइन के निर्माण का अनुमानित खर्च 874 करोड़ माना गया था हो सकता है कि अब यह 1000 करोड़ तक हो गया हो। टोंक और केकड़ी बहुत महत्वपूर्ण स्थान है जो रेलवे लाइन से वंचित है। सवाई माधोपुर रेलवे लाइन से जुड़ा हुआ है। इसके साथ का स्टेशन चौथ का बरवाड़ा से लेकर अजमेर तक रेलवे लाइन बनानी है। अजमेर से पुष्कर तक पहले बनी हुई है। इस महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल तक बहुत दूर के श्रद्धालुओं का पहुंचना सुविधाजनक हो जाएगा। अजमेर के नसीराबाद से सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा तक 23 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें चौथ का बरवाड़ा, टोंक के टोडारायसिंह का दाबडदूम्बा, बनसेरा, बरवास, टोंक का डारदाहिंद, बमोर, खेड़ा, बनेठा, सेंदरी, अजमेर जिले का नसीराबाद, लिहारवाड़ा, जयवंतपुरा, सराना, गोयला, सरवाड़, सूरजपुरा, केकड़ी, मेवड़ा, कालन, नया गांव व बघेरा शामिल हैं।
इन दोनों रेलवे लाइनों पर हिंदुओं के अलावा अन्य समुदायों के भी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है यह दोनों रेलवे लाइन तुरंत बनाई जाती है तो धार्मिक पर्यटन व्यावसायिक और आम यात्रा के लिए जनता को जहां लाभ होगा वहां रेलवे को भी करोड़ों रुपए का लाभ प्रति माह होगा।
रेलवे को इन दोनों लाइनों के निर्माण की लागत सारी व्यवस्थाओं के खर्चे के बाद चार पांच साल में वसूल हो जाएंगी। इन दोनों रेलवे लाईनों के निर्माण होने के बाद बहुत दूर की मेल एक्सप्रेस गाड़ियां पुष्कर होकर चलाई जा सकेंगी। अभी बीकानेर संभाग के लोगों को तो बसों की दुविधाओं भरी पुष्कर व अजमेर यात्रा करनी पड़ रही है। मेड़ता पुष्कर रेल लाईन बनने पर बीकानेर से पुष्कर तक कई प्रसिद्ध धार्मिक व व्यापारिक स्थल जुड़ जाएंगे।