गोवा कांग्रेस बोली- हमारे विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो रही, माइकल लोबो को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाया

गोवा में कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने के रुख पर चर्चा के बीच नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो पर बड़ी कार्रवाई की गई है। उन्हें तत्काल प्रभाव से नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा  दिया गया।  गोवा में AICC प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा, गोवा में पार्टी को कमजोर करने के लिए भाजपा के साथ मिलकर हमारे ही कुछ नेताओं ने साजिश की थी। वे विधायकों को तोड़ना चाहते थे। इसमें हमारे नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो और दिगंबर कामत शामिल थे। बता दें कि दिगंबर कामत पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता हैं।

सारिका तिवारी,डेमोक्रेटिक फ्रंट,चंडीगढ़/गोवा :

महाराष्ट्र संकट के बाद अब गोवा में सियासी हलचल तेज हो गई है। यहां से कांग्रेस विधायकों में टूट की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी के नौ विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। गोवा में कांग्रेस के 11 विधायक हैं। यदि 9 विधायक भाजपा में आते हैं तो कांग्रेस के पास केवल दो विधायक रह जाएंगे। इस बीच कांग्रेस ने सख्ती दिखाते हुए माइकल लोबो को तुरंत गोवा के नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) के पद से हटा दिया। 

एआईसीसी गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने बताया कि हमारे कुछ नेताओं ने बीजेपी के साथ मिलकर यह साजिश रची थी कि गोवा में कांग्रेस पार्टी को कमजोर किया जाए और दलबदल का प्रयास किया जाए। इस साजिश का नेतृत्व हमारे ही दो नेताओं एलओपी माइकल लोबो और दिगंबर कामत ने किया था। 

माइकल लोबो (दाएं) इसी साल जनवरी में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।

इधर, गोवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने आरोप लगाया है कि पार्टी के विधायकों को भाजपा में शामिल होने के लिए 40 करोड़ रुपए की पेशकश की गई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक चोडनकर ने बताया कि बिजनेसमैन और कोयला माफियाओं द्वारा कांग्रेस विधायकों को फोन किया जा रहा है।

भाजपा ने जिन विधायकों से संपर्क किया है, उन्होंने कांग्रेस के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव से इस बात का खुलासा किया। हालांकि BJP ने आरोपों को खारिज कर दिया है। BJP प्रदेश अध्यक्ष सदानंद तनावडे ने कहा कि कांग्रेस का आरोप निराधार है।

कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने विधायकों के नाराज होने की बात का खंडन किया है।

कांग्रेस ने इन खबरों का खंडन किया है। गोवा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरीश चोडनकर ने भास्कर को कन्फर्म किया कि हमारा एक भी विधायक भाजपा में शामिल नहीं होने जा रहा। ये सिर्फ अफवाहें हैं। शनिवार को जो विधायक होटल में इकट्‌ठा हुए थे, वे सोमवार से शुरू हो रहे सत्र की चर्चा के लिए जुटे थे।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में नाराज विधायकों को मनाने की कोशिश जारी है। AICC गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव विधायकों को मनाने में जुटे हुए हैं। हालांकि गुंडू राव ने कहा कि कल हमने गोवा में CLP की बैठक की थी। पार्टी के सभी विधायक एक साथ हैं। BJP हमारे विधायकों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस बात का खंडन किया है कि कांग्रेस के कुछ विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।

इससे पहले 2019 में भी कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक BJP में शामिल हुए थे। इसमें नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर भी शामिल थे। गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कांग्रेस के सभी बागी विधायकों को BJP में शामिल करवाया था। कांग्रेस से जो विधायक टूट सकते हैं, उनमें दिगंबर कामत, माइकल लोबो, संकल्प अमोनकर, केदार नायक और राजेश फलदेसाई का नाम सामने आ रहा है।

2019 में BJP जॉइन करते ही चंद्रकांत कावलेकर को डिप्टी सीएम बनाया गया था।

गोवा विधानसभा में 40 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 11 और भाजपा के पास 20 विधायक हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के 2, निर्दलीय 3 विधायक हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी गोवा जा रहे हैं।​​​

गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में राज्य में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। BJP को राज्य की कुल 40 में से 20 सीटें मिली थीं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 21 है। इस तरह गोवा में बीजेपी पूर्ण बहुमत से महज एक कदम दूर रह गई। हालांकि भाजपा नेताओं ने निर्दलीय के सहयोग से राज्य में सरकार बना ली थी।

प्रमोद सावंत लगातार दूसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने।

गोवा विधानसभा में 40 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 11 और भाजपा के पास 20 विधायक हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के 2, निर्दलीय 3 विधायक हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी गोवा जा रहे हैं।​​​

गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में राज्य में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। BJP को राज्य की कुल 40 में से 20 सीटें मिली थीं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 21 है। इस तरह गोवा में बीजेपी पूर्ण बहुमत से महज एक कदम दूर रह गई। हालांकि भाजपा नेताओं ने निर्दलीय के सहयोग से राज्य में सरकार बना ली थी।