BJP में मर्ज होगी कैप्टन की पार्टी
पंजाब के लोग कैप्टन अमरेंद्र सिंह के चेहरे से भले ही बहुत अच्छे से वाकिफ हों लेकिन चुनाव के दौरान वोट पार्टी के चुनाव चिन्ह पर पड़ता है और यह चुनाव चिन्ह जब तक अलॉट होगा तब तक चुनाव की घोषणा हो चुकी होगी। ऐसे में एक से डेढ़ महीने के समय के भीतर आम जनता में चुनाव चिन्ह को लेकर जाना और इसे लोकप्रिय बनाना आसान काम नहीं है। ऐसे में कैप्टन समर्थक वोट कन्फ्यूज हो सकता है और सत्ता विरोधी वोट के बंटवारे में अहम भूमिका निभा सकता है। जाहिर है कैप्टन चुनाव में वोट कटुआ की भूमिका नहीं निभाना चाहेंगे। भाजपा के साथ पार्टी के विलय के पीछे कैप्टन अमरेंद्र सिंह की दूसरी बड़ी मजबूरी उनकी पार्टी का संगठन न होना है। पार्टी की घोषणा के बाद हालंकि कैप्टन अमरेंद्र सिंह विभिन्न इलाकों में पदाधिकारियों की भर्ती कर रहे हैं लेकिन उनके पास जमीनी कार्यकर्ता नहीं है। जमीनी कार्यकर्ता के मामले में भाजपा पंजाब में ज्यादा मजबूत दिखती है और भाजपा के पास पंजाब में आर.एस.एस. का भी संगठन मौजूद है, लिहाजा संगठन की कमी भी कैप्टन की पार्टी के भाजपा के विलय का दूसरा आधार बन सकती है।
- जल्द बीजेपी में पंजाब लोक कांग्रेस का होगा विलय!
- विलय के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जताई सहमति
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले साई बनाई थी पंजाब लोक कांग्रेस
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
इन दिनों जहां महाराष्ट्र में आया सत्ता परिवर्तन का भूचाल हर किसी की जुबां पर है वहीं अब पंजाब में भी सियासी हलचल शुरू हो रही है। दरअसल खबरें आ रही हैं कि पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भारतीय जनता पार्टी में विलय कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगले सप्ताह औपचारिक रूप से इसका ऐलान हो सकता है हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से अभी तक इस पर कोई बयान सामने नहीं आया है।
हालांकि बीजेपी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर को पार्टी का हिस्सा बनाने की इच्छुक नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटियाला से मौजूदा सांसद परनीत कौर कथित तौर पर चाहती हैं कि बीजेपी उनकी बेटी जय इंदर कौर को पटियाला लोकसभा टिकट देने का वादा करे। बीजेपी नेतृत्व इस बात से खुश नहीं है कि परनीत कौर ने अपने पति के पार्टी छोड़ने के बाद भी कांग्रेस नहीं छोड़ी।
दूसरी ओर जय इंदर कौर की शादी सांसी शाही परिवार के गुरपाल सिंह से हुई है, जो उत्तर प्रदेश में सिंभावली शुगर्स लिमिटेड और अन्य उद्यमों के बीच अमृतसर में आईटीसी वेलकम होटल के मालिक हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि बीजेपी जय इंदर कौर को पार्टी में शामिल करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उनके पति की कंपनी बैंक के पैसे की हेराफेरी में शामिल है।