न्‍यायिक व्‍यवस्‍था में बदलाव की आवश्‍यकता-प्रो. कुठियाला

कोरल ‘पुरनूर’। डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला, 27 जून 2022  

केन्‍द्र सरकार ने देश का विजन तैयार किया है। राज्‍य सरकार ने राज्‍य के विकास के लिए विजन तैयार किया है। अब आवश्‍यकता है कि प्रदेश के विश्‍वविद्यालयों का विजन तैयार किया जाए। विश्‍वविद्यालय के विजन को राज्‍य के विजन के साथ जोड़ कर समग्र विकास की पहल की जा रही है। उच्‍च शिक्षा से जुड़े विद्यार्थी आने वाले कल को समाज में नेतृत्‍व देने के लिए तैयार हो रहे है। उन्‍हें सही दिशा में ले जाने का कार्य विश्ववि़द्यालय का है। उक्‍त बातें हरियाणा राज्‍य उच्‍च शिक्षा परिषद् के अध्‍यक्ष परिषद् कार्यालय सभागार में सोमवार को आयोजित ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्र में विधिक सेवा से जुड़े व्‍यक्तियों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्‍होंने कहा कि सभी की इच्‍छा है कि लीगल प्रैक्टिस में भारतीय परंपरा के अनुसार कार्य हो। हमारी समाज की व्‍यवस्‍था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जो प्राचीन काल से व्‍यवस्‍था व्‍याप्‍त है, उसे नये परिवेश में लागू किया जाएं। इस विधिक परंपरा में जो अच्‍छी है उसे स्‍वीकारने के साथ जो समाजहित में नहीं है उसे नकार दिया जाए।

प्रो. कुठियाला ने क‍हा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्‍वविद्यालय ने विगत चार वर्षों में उत्‍कृष्‍ठ कार्य किया है। आने वाले समय में वहां से न्‍यायिक अधिकारी, अधिवक्‍ता, जज आदि तैयार होकर समाज में आयेंगे। उनके लिए बेहतर परिवेश उपलब्‍ध कराना हम सभी का दायत्चि है। प्रो. कुठियाला ने कहा कि शैक्षणिक संस्‍थानों को प्रोफेशनल से एक कदम आगे होने चाहिए। हम सभी जाहते कि न्‍यायिक व्‍यवस्‍था में बदलाव की आवश्‍यकता है। आयोजित ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्र में परिषद् के उपाध्‍यक्ष डॉ. कैलाशचंद्र शर्मा ने कहा कि भारतीय दृटिकोण से विधिक सेवा और विधिक शिक्षा को देखने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि विजन डाक्‍यूमेंट किसी भी संस्‍थान के लिए भविष्‍य की कार्य योजना होती है।

सोमवार को डॉ.भीमराव अंबेडकर विधि विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ. अर्चना मिश्रा ने हरियाणा राज्‍य उच्‍च शिक्षा परिषद् द्वारा आयोजित ब्रेन स्‍टॉर्मिंग सेशन में विश्‍वविद्यालय के बेहतरी के लिए विधिक सेवा से जुड़े व्‍यक्तियों के समक्ष विधिक विश्वविद्यालय का विजन डाक्‍यूमेंट प्रस्‍तुत की।  डॉ. मिश्रा ने परिषद् के अध्‍यक्ष से निवेदन करते हुए कहा कि परिषद् द्वारा प्रत्‍येक छह माह में एक बार ऐसे सेशन का आयोजिन किया जाना चाहिए। जिससे विश्‍वविद्यालयों को नयी विजन प्राप्‍त हो सके और प्रदेश के बेहतरी में विश्‍वविद्यालय का योगदान सुनिश्चित हो सके।  इस सेशन में राज्‍य में न्यायिक व्यवस्था से संबंधित अधिकारी, अधिवक्‍ता, सेशन जज, कानून विभाग के प्रोफेसर आदि शामिल थे। सत्र के अंत में परिषद् के परामर्शदाता श्री केके अग्निहोत्री ने सभी का धन्‍यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्‍न न्‍यायलयों में कार्यरत सेशन जज, अधिवक्‍ता, विधि विषय के प्रोफेसर एवं हरियाणा राज्‍य विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ परिषद् के सभी अधिकारी शामिल थे।